Phephana
Phephana (फेफाना ) or Fefana is a village in Nohar tahsil of Hanumangarh district of Rajasthan.
Founder
फेफाना (उप तहसील) founded by KewalaRam Bijarnia in 1819.
Location
It is situated on Nohar - Sirsa Road about 21km from Nohar in northeast.
नोहर सिरसा मार्ग पर नोहर से 21 Km की दूरी पर बसा हुआ ।
Jat Gotras
Jat Gotras living here are[1]:
There are about 6500 houses in the village out of them 5000 houses are of Jats.
Other castes are RAJPUTS, Kumhar, Brahman, Meghwal, Nayak, Ghanak, Nai, Swami, Chhimpa, Khati, Suthar, Luhar, Sunar, Bawari, Yogi, Charan, etc.
Most Popular Place
- मामू की दुकान
- कुम्भाराम चौक
- भूप सिंह चौक
- अम्बेडकर चौक
- पुरानी धर्मशाला
- अनाज मंडी
- स्कूल स्टेडियम
- बस स्टैंड
- खान मार्किट
- कालू डाई सेंटर
- अमूल डेयरी (सज्जन गोदारा- श्यामसिंह)
प्रसिद्ध प्रतिष्ठान
- श्री श्याम आइस क्रीम (मामू)
- साईं गारमेंट्स (boon)
- Bunty Studio
- Aman Food Factory
- पण्डा मिष्ठान भन्डार
- बालाजी मिष्ठान भंडार
- गोगाजी टेंट हॉउस
- प्रदीप मेडिकल स्टोर
- शालू मनिहारी स्टोर
- सलामू अंडा स्टोर
- अमूल डेयरी (सज्जन गोदारा-श्याम सिंह)
- अमन बर्तन भन्डार (सुरेश बिजारणिया)
- हेतराम पंचर वर्कशॉप
- फ्रेंड्स बुक सेंटर
- Looks Login Hair Cut
- हीरो एजेंसी
- बालाजी गोलगप्पा भंडार
- गंगा इ मित्र
- अर्पित IT
- JP की दुकान
- इंडेन गैस एजेंसी
- ज्ञान की दुकान
- जय मेडिकल स्टोर
History
Phephana was founded in samvat 1876 (1819 AD) on falgun sudi 5 during the period of Bikaner Maharaja Surat Singh. With the motivation of Ratna Ram Brahman of Sidhmukh, Kewala Ram Bijarniya came from Nangal (Bhadra) and settled here. Prior to this there were 12 helmets or Bas which are now in ruined condition. 6५० वर्ष पूर्व बसा था हनुमानगढ़ जिले का एक बड़ा गांव फेफाना नोहर- सिरसा सड़क मार्ग पर स्थित है। उपखण्ड मुख्यालय से २१ किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में हरियाणा राज्य की सीमा पर बसा हुआ है। इस कस्बाई गांव की वर्तमान आबादी करीब १६ हजार है। जसाना व खनानिया वितरिका से इस ईलाके में सिंचाई व्यवस्था होती है। अध्किांश भूमि सिंचित है तथा उपजाउफ होने के साथ समतल व कम रेतीली है। गांव मंे हिन्दु-मुसलमान र्ध्मो के मानने वाली सभी जातियों के लोग यहां मेल-जोल से रहते है। यहां सभी मुलभूत सुविधएं उपलब्ध है। शिक्षा,खेल,समाज सेवा,राजनीति एवं रोजगार के सभी क्षेत्रों में ख्याती प्राप्त है। गांव के अनेक लोग देश के विभिन्न शहरों व नगरों मंे अपना निजी व्यवसाय करते है। समुन्द्र पार विदेशों में भी यहां के लोग सेवा कर रहे है। जिनका गांव के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इस गांव ने राजाओं के सहायक से लेकर न्यायाधिश तक दिये है। यहां के लोग हर मामले में जागरुक है। फेफाना के इस क्षेत्र में प्राचीन समय में सरस्वती नदी और अन्य नदियंा बहती थी। मरुस्थल हरा-भरा था। कालान्तर मंे नदियों ने अपने रास्ते बदल लिये और मरुस्थल बन गया। मैदानी क्षेत्रा भंयकर जंगल बन गया था । समय के साथ पानी घटता गया,लोग नदियों के पास आबाद होने लगे। मैदानी क्षेत्रा के कारण नदियां अपना रास्ता बदल लिया करती थी। सरस्वती नदी के मुहाने बदलने के कारण यहां आबाद क्षेत्रा बर्बाद हो गया। जिसके प्रमाण थेहड़ है। ये अब भी देखने को मिलते है। यहां के थेहड़ों से मिट्टी के बर्तन,राख आदि से लगता है कि यहां मुस्लिम आबादी रही होगी। दसवीं शताब्दी के पश्चात सरस्वती नदी गायब हो गयी। समय बीता तो यहां के इस क्षेत्र में नहर आने से पूर्व भंयकर जंगल की स्थिति थी जिसको भाखड़ा सिचाई परियोजना की नहरांे से हरा भरा बना दिया । कांदल वंश की रानी 'फेफा` के नाम पर करीब साढ़े छह सौ वर्ष पूर्व चौहदवी शताब्दी में बसाया गया गांव फेफाना अनेक बार उजड़ा और बसा। सन् १८१९ में महाराजा सूरतसिंह के शासन काल में इसी उजड़े गांव को पुन: बसाया गया था। सन् १३५४ में फिरोजशाह ने एक किले के रुप में हिसार नगर की स्थापना की थी। पहले हिसार फिरोजा कहा जाता था। उसके आस-पास छोटे-छोटे राज्य थे, सब हिसार सूबे के अधीन थे। कर-बिगोड़ी देते थे।पन्द्रहवी शताब्दी में इस क्षेत्र में राठौड़ वंश का आगमन हुआ। कांदल राजपुत काफी शूर वीर यौ(ा था । जिसने अपने प्रभाव से इस क्षेत्र में अपना राज कायम किया। यहां की जनता ने उसे ही अपना राजा मान लिया था। हिसार नवाब को जो कर बिगोड़ी देते थे,बंद कर दी गयी। कांदल,बीका और जोध महान यौ(ा,शुरवीर थे। कांदल जोधा का भाई तथा बीका भतीजा था। ये भादरा रहते थे। कांदल ने साहवा को अपना ठिकाना बना लिया। जोधपुर से शासन संचालित होता था। हिसार तक उनका राज्य था। कांदल;कांधलद्ध की रानी 'फेफा` के नाम पर गांव फेफाना बसाया गया। तत्पश्चात किसी समय आबाद गांव फेफाना के निवासी अन्यत्रा जा बसे गांव उजड़ गया। मुस्लिम शासक का प्रभुत्व क्षेत्र में कायम हो गया। सन् १८१९ में महाराज सूरतसिंह के शासनकाल में उजड़े फेफाना को फिर बसाया गया। पण्डित रतनाराम इंदौरिया थानापति बने और केवलाराम बिजारणिया को महाराजा द्वारा पगड़ी बांध्कर लम्बरदार बनाया गया। तब से गांव अब कस्बे के रुप में प्रगति कर रहा है ।
Educational institutions in Phephana
There are 2 government higher secondary schools in Phephana:
- Government Senior Secodary School, Phephana (GSSS, Phephana).
- Government Girls Senior Secondary School, Phephana(GGSSS, Phephana).
- ज्ञानधारा कोचिंग सेंटर फेफाना 2012.
- नेहरू चिल्ड्रन उच्च माध्यमिक विद्यालय 1992.
- ग्रामोत्थान उच्च माध्यमिक विद्यालय फेफाना 2000.
- महर्षि दयानंद (MD) महाविद्यालय फेफाना 2013.
- सरस्वती उच्च माध्यमिक विद्यालय फेफाना 1985.
- The Paramaount school 2019.
- Noble Childern school phephana 2005.
- Ambedakar basti govt. school 2000.
GSSS, Phephana is one of the oldest higher secondary school of Hanumangarh district. GSSS was upgraded to Senior Secondary School in 1959.
GGSSS, Phephana is upgraded from Secondary School to Senior Secondary School in 2003.
Students of different schools are serving the country in different fields. There are number of doctors, engineers, teachers, army personnel, industrialists, politicians, etc. are amongst the proud alumnus of the schools in the village.
Religion in Phephana
Different temples, Arya Samaj, Mosque, Gurudwara, Dera Sachcha Sauda, etc. makes the village very religious in nature.
Arya Samaj, Phephana is one of the first ten Arya Samajs established in India. Arya Samaj, Phephana runs a school to provide education, which is one of the oldest public school in Phephana.
List of temples
- Arya Samaj Mandir
- Hanuman Mandir
- Baba Ram Dev Mandir
- Jahar Veer Gogaji Mandir
- Mata Sati Devi Mandir
- Karni Mata Mandir
- Shiv Mandir
- जसनाथ जी मन्दिर
- शनि मंदिर
- भोमिया जी मन्दिर
- मस्जिद
- श्री साईं धाम
- विश्वकर्मा मन्दिर
- पाबूजी महाराज मंदिर
In addition to it, there are two mosques in the village and a Gurudwara.
Notable Persons
- Shobha Ram Mahla (चौधरी शोभाराम महला), from Phephana (फेफाना), Hanumangarh, was a Social worker in Hanumangarh, Rajasthan. [2]
- Bahadur Singh Saran (चौधरी बहादुरसिंह सारण), from Phephana (फेफाना), Hanumangarh, was a Social worker in Hanumangarh, Rajasthan. <ref>Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.146-147 </ref
- Late Chaudhary Ramjas Bijarniya -
- Ransingh Bijarniya
- Late Chaudhary Kumbha Ram Arya -
- Late Shobha Ram Arya -
- Late Sh Chunni Lal Godara -
- Late Dy. S.P. Hetram Godara -
- लालचन्द शर्मा ( फाउंडर - नेहरू स्कूल)
- Smt. Suchitra Arya - Ex. M.L.A. (Nohar).
- Sh. Hari Kumar Godara - Addl. Sessions Judge, Rajasthan.
- Amarsingh Poonia -
- Smt. Urmila Bijarania -
- Inderjeet Hooda - Ex. Sarpanch.
- Prem Krishan Choudhary Phephana
- Sarjeet Saharan -
- Rahul Arya -
- Asha Ram - Freedom fighter.
- Manish Godara
- शहीद जालिम सिंह
- शहीद भूपसिंह सुथार
- Late Thakur Ramsingh ji Bhati (DYSP)
- Late Thakur datt sharma
Gallery of Phephana
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Pond and Peepal.
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Well.
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Water tank.
-
Head at Nohar Feeder.
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Veterinary Hospital.
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Bijarnia Family Phephana
References
- ↑ Ram Jas Arya 'Bhajanopadeshak' : Jat Samaj, Agra, August 2002, p.9
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.143
- Ram Jas Arya 'Bhajanopadeshak' : Jat Samaj, Agra, August 2002, p.9
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