Gadhakota

From Jatland Wiki
(Redirected from Garhakota)
Author:Laxman Burdak, IFS (Retd.)

District map of Sagar
Sagar-Garhakota-Gourjhamar-Damoh-Nohta

Gadhakota (गढ़ाकोटा) is a tahsil and site of fort constructed by Raja Sangram Singh of Gadhamandala in Sagar Madhya Pradesh. [1]

Location

Garhakota is located at 23.77°N 79.15°E. It has an average elevation of 373 metres (1,223 feet). Garhakota is situated on the bank of Sunar River and Gadheri River. Garhakota is located on Sagar to Damoh and Katni road; daily bus service is available from here.

Garhakota is a small Village/hamlet in Rehli Tehsil in Sagar District of Madhya Pradesh State, India. It comes under Garhakota Panchayath. It belongs to Sagar Division . It is located 48 KM towards East from District head quarters Sagar. 13 KM from Rehli. 217 KM from State capital Bhopal. Garhakota Pin code is 470229 and postal head office is Garhakota . Basari (p) ( 3 KM ) , Sanjara (p) ( 4 KM ) , Raguwan (p) ( 6 KM ) , Chourai (p) ( 6 KM ) , Pipariya Digarra (p) ( 6 KM ) are the nearby Villages to Garhakota. Garhakota is surrounded by Pathariya Tehsil towards North , Damoh Tehsil towards East , Sagar Tehsil towards west , Banda Tehsil towards North.[2]

Origin

Variants

  • Garhakota (गढ़ाकोटा) (जिला सागर, म.प्र.) (AS, p.277)

History

Archaeological surveys have revealed that it has been a place of importance for many civilizations.

Garhakota Fort

Garhakota Fort is strategically built as it is surrounded by two rivers Sonar River and Gadheri River on its two sides. It covers 11 acres. This fort was the residence of the Rajput Kings of Garhakota. During the first freedom struggle of India in 1857, Rani of Jhansi Lakshmi Bai wrote a letter to Raja Mardan Singh Bahadur of Garhakota to prepare against the British troops and to stop them at Sagar. Mardan Singh and Gunthai Pateriya were killed in the battle. The fort was raided and demolished by Sir Hugh Rose in 1858 in the course of Ghadar.[3]

गढ़ाकोटा

विजयेन्द्र कुमार माथुर[4] ने लेख किया है ... गढ़ाकोटा (AS, p.277) सागर ज़िला, मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। इस स्थान की गणना गढ़मंडला के राजा और वीरांगना रानी दुर्गावती के श्वसुर संग्राम सिंह (मृत्यु 1541 ई.) के बावन गढ़ों में की जाती थी। मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के शासन काल में मुग़लों की सेना और ओरछा नरेश छत्रसाल में पहला बड़ा युद्ध गढ़ाकोटा में हुआ था। इस युद्ध के समय मुग़लों का सेनापति रणदूलह ख़ाँ था। युद्ध में मुग़लों की भारी हार हुई। गढ़ाकोटा के युद्ध का सुंदर वर्णन लाल कवि ने 'क्षत्रप्रकाश' नामक हिन्दी काव्य में किया है।

गढ़ाकोटा परिचय

गढ़ाकोटा भारत के मध्य प्रदेश राज्य के सागर ज़िले में स्थित एक नगर है। गढ़ाकोटा सुनार नदी के किनारे बसा है और सागर जिले की प्रमुख तहसील है। गढ़ाकोटा के दो हिस्से है एक हिस्सा सुनार नदी के किनारे स्थित हैं औऱ दूसरा गधेड़ी औऱ सुनार नदियों के बीच स्थित हैं। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है। गढ़ाकोटा में बसंत पंचमी से चैत्रनवरात्रि तक रहस मेला भरता है जो वीर बुन्देला महाराजा मर्दन सिंह जूदेव ने शुरू किया था। जहाँ पर आज भी ये प्रसिद्ध पशुओं का मेला लगता हैं। यहां प्रतिवर्ष होने वाला रहस मेला ग्राम्‍य जीवन में रुचि रखने वाले लोगों के आकर्षण का केंद्र रहता है। यहाँ प्रसिद्ध पटेरियाजी जैन तीर्थ एवं पर्यटन क्षेत्र अवस्थित है। वर्तमान मे गढ़ाकोटा मे खेल परिसर की दृष्टि से सरदार बल्लभ भाई पटेल स्टेडियम,इन्डोर स्टेडियम,श्री गणेश मन्दिर खेल परिसर पर्यटन की दृष्टि से सुनार नदी का तट,रमना स्थित इको पर्यटन पार्क आदि अवस्थित है। यहाँ पर मर्दनसिंह जूदेव नामक राजा ने शासन किया साथ ही इस धरती ने साबूलाल जैन ,गुलचाइ यादव जैसे महान क्रान्तिकारियों को जन्म दिया है जिन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए अग्रेजोँं के विरुद्ध संघर्ष करते हुये अपने प्राणो का बलिदान दे दिया था।

Notable persons

External links

References