Ghaghsa
Ghaghsa (घाघसा) (Ghagsa) is a village in Chittorgarh tahsil in Chittorgarh district in Rajasthan.
Jat Gotras
History
Ghaghsa Inscription of 1265 AD
डॉ. गोपीनाथ [1] लिखते हैं कि यह लेख चित्तोड़गढ़ के निकट स्थित घाघसा गाँव की बावडी में लगा था. संवत 1322 कार्तिक शुक्ल 1 रविवार का महारावल तेजसिंह के समय का लेख है. वर्तमान में यह उदयपुर संग्रहालय में है. इसमें 28 पंक्तियाँ और 33 श्लोक हैं. प्रशस्तीकर चैत्रगच्छ के आचार्य रत्नप्रभसूरी थे जिन्होंने चीरवे की प्रशस्ति की भी रचना की थी. कलिसिंह नमक व्यक्ति इसका शिल्पी था. इसमें मेवाड़ के शासक पद्मसिंह, जैत्रसिंह और समरसिंह का वर्णन प्रस्तुत किया है. जैत्रसिंह की उपलब्धियों में उसके द्वारा मालवा तथा गुजरात के तुरुष्कों और शाकम्भरी के शासकों के परस्त करने का वर्णन है. तेज सिंह के वर्णन के बाद रचयिता ने डीडू वंश के महाजन जातीय गाल्हू, माल्हू, केशव, बलभद्र, रत्न सोडल आदि का उल्लेख है. इसी वंश के रत्न ने उक्त बावडी का निर्माण करवाया और चित्तोड़ के कुम्भेश्वर मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की. यह मंदिर इस नाम से अब प्रसिद्द नहीं है. संभवतः मध्यकालीन आक्रमणों के दौरान वह नष्ट हो चुका हो.
Notable persons
References
- ↑ शर्मा डॉ. गोपीनाथ शर्मा: राजस्थान के इतिहास के स्त्रोत, 1983, पृ. 108
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