Ghamandi Singh Bhagor
Ghamandi Singh Bhagor (born:1893) (कर्नल घमंडी सिंह भगोर) was a Social worker from village Jaghina, district Bharatpur in Rajasthan. He was born in the family of Chaudhari Birbal Singh Bhagor 53 years back.
जाट जन सेवक
ठाकुर देशराज[1] ने लिखा है....कर्नल घमंडीसिंह - [पृ 17]: अभी थोड़े वर्ष पहले विनोद में एक प्रजापरिषद के लीडर ने कहा था कि भरतपुर की हुकूमत तो जघीना वालों के हाथ है क्योंकि होम मिनिस्टर जघीना का, हुजूर सेक्रेटरी जघीना का और असेंबली के प्रेसिडेंट और डिप्टी प्रेसिडेंट जघीना के हैं। वास्तव में जघीना एक भाग्यशाली गांव है। उसमें हर समय कोई न कोई नामी आदमी होता आया है। गोल खाने के बाद बीरबल चौथईया और अब यह ऊपरवाले महानुभाव।
आज से 53 वर्ष पहले चौधरी बीरबलसिंह जी के घर कर्नल धमंडीसिंह जी का जन्म हुआ। जन्म के साथ ही ऊंचा भाग्य लेकर आए थे। पिता साधारण जमीदार और सिपाही थे। यह बात अलग है कि वे महाराजा जसवंतसिंह जी के रिश्तेदार थे। लेकिन कर्नल घमंडी सिंह जी जो कुछ भी बने अपने भाग्य से। भाग्य ने उन्हें काफी आगे बढ़ाया और जब जब भी उन पर संकट आए उन्होंने बड़ी गंभीरता के साथ यह कहकर उन्हें बर्दाश्त किया कि यह भी जो हमारे भाग्य में
[पृ.18]: बदा है वह होना है। यह कहा जा सकता है कि उन्होंने सक्रिय रुप में कौम की ज्यादा सेवा नहीं की है लेकिन उनके दिल में हमेशा कौम को ऊंचा देखने की इच्छा रही है और कौम के लिए काम करने वालों के साथ प्रेम और शांति रखी है।
गत 2 साल से जाट सभा भरतपुर के संपर्क में रहकर अपने कौम की सक्रिय सेवा की है। भरतपूर में एक जाट भवन बनाने की स्कीम आपके हाथ है और उसमें आप प्रयत्नशील भी हैं। आप का गोत्र भगोर है। इस समय आप चार भाई हैं। आपसे छोटे मेजर गोविंदसिंह जी सेशन जज हैं और उनसे छोटे लेफ्टिनेंट साहबसिंह। साहब सिंह से छोटे लक्ष्मणसिंह जी हैं जो कि पुलिस में इंस्पेक्टर है। सबसे छोटे सरदारसिंह हैं। कर्नल साहब सब तरह से भरे पूरे हैं। राज में जहां सम्मान है पैसे की भी कमी नहीं है। सौ सवासौ आदमियों का आपका कुटुंब है। भरतपुर के जाट जमीदारों में आप सबसे बड़े जमीदार हैं। स्वभाव में मीठे और सर्व प्रिय हैं।
जीवन परिचय
बिजवारी के ठाकुर चन्दन सिंह हैं और उनके पुत्र हैं मास्टर अमृतसिंह जो पहले शिक्षा विभाग में कृषि अध्यापक थे। उनका रईस घराना है। आप कर्नल घमंडी सिंह के रिश्तेदार हैं। [2]
गैलरी
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Jat Jan Sewak, p.17
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Jat Jan Sewak, p.18
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Col. Maharajah Sawai Brijendra Singh of Bharatpur (Sitting), on His right side Raja Man Singh ji of Bharatpur, MLA from Deeg, on his left Raja Giriraj Saran Singh of Bharatpur, (Bachoo Singh ji), The second Maharajkumar's name was Girrendra Raj Singh. Sitting Maharajkumarani Brijendra Kaur of Bharatpur. MK. Matoo, on left side sitting. Credit:- कुंवर योगेन्द्र सिंह (गुड्डू), "चंद्रवंश निवास", (हवेली कर्नल घमंडी सिंह), नीम दा गेट ,भरतपुर. Source - Jat Kshatriya Culture
संदर्भ
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.17-18
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, p.50
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