Ghanshyam Singh Sogaria
Ghanshyam Singh Sogaria (ठाकुर घनश्यामसिंह), from Tamrauli (तमरोली), Bharatpur was a Social worker in Rajasthan. [1]
जाट जन सेवक
ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....ठाकुर घनश्यामसिंह - [पृ.28]: भरतपुर तहसील के तमरोली गाँव के बोहरे हरिभजन की उदारता बहुत प्रसिद्ध है। ठाकुर घनश्यामसिंह उन्हीं हरिभजन के पुत्र हैं। इस समय आपकी उम्र 50 से ऊपर है। किन्तु तंदुरुस्ती तीस वर्ष के नौजवानों से भी अच्छी है। महाराजा किशन सिंह पर जब विपत्ति आई तो रिश्तेदार होने के कारण पुलिस ने आपको भी तंग किया।
भरतपुर में जबसे जाट सभा बनी तभी से आप उसके साथ हैं। 1947 में आपके ऊपर कुछ शहरी गुंडों ने इसलिए हमला किया था कि आप एक मजबूत जाट थे और उनके गुंडेपन का मुक़ाबला करने आ डेट थे। आप अतिथि सत्कार के लिए काफी मशहूर हैं। आपने अपनी तरह अपने लड़कों को पहलवान बनाने की कोशिश की। प्यारे लाल जी जो आपके बड़े लड़के हैं एक अच्छे पहलवान साबित हुये हैं। वैसे आपके गाँव में पहलवानी शौक काफी है। आपके चचेरे भाइयों में ठाकुर जोरावर सिंह, राम सरन सिंह, आदि ने भी पहलवानी की है। तमरोली के जाट मर्द जाट कहलाते हैं। गोत्र आपका सोगरिया है।
जीवन परिचय
गैलरी
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Jat Jan Sewak, p.28
संदर्भ
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, p.28
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, p.28
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