Girwar Sirohi
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Girwar (गिरवर) is a historical village in Abu Road tahsil of Sirohi district in Rajasthan.
Origin
Jat Gotras
History
Girwar Patanarayana temple Inscription of 1287 AD
लाइन 35-39
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Patanarayana temple Inscription of 1287 AD at Girwar[1] |
डॉ. गोपीनाथ शर्मा [2] लिखते हैं कि यह शिलालेख राजस्थान के सिरोही जिले में गिरवर नामक स्थान पर पटनारायण के मंदिर में है. भाषा संस्कृत और 39 पंक्तियाँ हैं. लेख का आशय यह है कि वशिष्ठ ने मंत्र बल से आबू के अग्नि कुण्ड से धूम्रराज परमार को उत्पन्न किया. इसी कुल में धारावर्ष उत्पन्न हुआ जो एक तीर से तीन भैंसों को वेध देता था. धारावर्ष के लड़के सोमसिंह का लड़का कृष्णराज था. कृष्णराज का पुत्र प्रतापसिंह ने जैत्रसिंह (मेवाड़ ?) को परास्त कर चंद्रावती पर अधिकार कर लिया. प्रताप सिंह के मंत्री देल्हनण ने संवत 1344 में प्रतापनारायण के मंदिर को पुन: बनवाया. इस लेख में कई स्थानीय शब्दों को संस्कृत में प्रयुक्त किया है, जो बड़े महत्व का है. जैसे देवड़ा एक चौहानों की शाखा के लिए, 'दोनकरी' 'डोली' के लिए, 'ढीबडू' कुंए के लिए, 'अरहट' रेंठ के लिए, आदि ; 'चोलापिका' चौरा की आय, 'विसार' निर्यात कर के लिए आदि.
इसमें आबू की प्रशंसा, परमारों के वंश, मालवा के शासक वीसल, प्रशस्तिकार गंगदेव की विद्वता, खेतों की उपज, अनाज का तोल, प्रति हल नाज की पैदावार, द्रम का प्रचलन, भूमि कर, निर्यात कर आदि पर काफी प्रकाश पड़ता है. इससे प्रतीत होता है की चन्द्रावती उस समय व्यापारिक केंद्र था. इसमें आस-पास के गाँवों से मंदिर की सेवा-पूजा की व्यवस्था करने का अच्छा वर्णन है. जिसकी कुछ पंक्तियाँ साथ के बाक्स में है.
Notable persons
References
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