Geeta Phaugat

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Geeta Phaugat
Geeta Phaugat wrestles Bensted Emily of Australia

Geeta Phaugat (born: 1988) is from village Balali, district Bhiwani in Haryana. She is from Phougat gotra Jat family. She won Gold medal in Common wealth Games 2010 at Delhi in 55 Kg wrestling. She got Arjuna Award - 2012.

Wrestler Geeta won the first women's wrestling gold for India in the 55kg freestyle event to increase the hosts' gold tally in the Commonwealth Games on Thursday. Geeta beat Emily Bensted of Australia in the final. Lovina Edward of Nigeria won the bronze in the event. [1]

She has booked her seat to forthcoming Olympics to be held in London as a strong contender for a gold medal for India.

Geeta & Babita: India's wrestling sisters

गीता का परिचय

राष्ट्रमंडल खेलों में दादरी उपमंडल के एक छोटे से गांव बलाली की गीता ने स्वर्ण पदक जीतकर न केवल देश व इस क्षेत्र का सम्मान बढ़ाया है बल्कि उन्होंने यहां के हजारों खेल प्रेमियों की आशाओं को भी पूरा किया है। गीता की स्वर्णिम सफलता से एक बार यह बात पुन: साबित हो गई है कि प्रतिभा कहीं भी जन्म ले सकती है तथा विपरित परिस्थितियों को भी अपने पक्ष में करने में सक्षम होती है। गीता के साथ उसकी बहन बबीता का एक साथ राष्ट्रमंडल खेलों में चयन होना ही सबसे पहले इस क्षेत्र में खुशी लेकर आया था। दोनों बहनों गीता व बबीता ने विश्व स्तर की अनेक प्रतियोगिताओं में गोल्ड मैडल लेकर उन्होंने लड़कियों का जो मान सम्मान दिलवाया है वह वास्तव में काबिले तारीफ है। दादरी उपमंडल के गांव बलाली में एक साधारण से कृषक परिवार में जन्मी इन बालिकाओं ने अपनी स्कूली शिक्षा गांव झोझूकलां के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से मार्च 2007 में दस जाम दो की परीक्षा पास करके पूरी की। इनके पिता महावीर सिंह तथा दादा बोघड़ सिंह भी अपने जमाने के नामी पहलवान रह चुके हैं। इन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हुए ये दोनों बहनें अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पिछले कई वर्षो से दिन रात कड़ी मेहनत कर रही हैं। दोनों बहनों ने अपने गांव बलाली में ही अपने पिता से कुश्ती के लिए प्रशिक्षण लेना शुरू किया तथा सन 2000 के बाद महिला कुश्ती प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया। इन्होंने कजाकिस्तान, लारीबिया, ताईवान, दक्षिणी कोरिया, किरगिस्तान तथा स्वीडन इत्यादि कई देशों में हुई एशियन कुश्ती प्रतियोगिताओं में गोल्ड मैडल प्राप्त करके इस क्षेत्र का ही नहीं बल्कि देश का नाम रोशन किया। झोझूकलां के कन्या स्कूल के पूर्व प्राचार्य कुलदीप फौगाट ने बताया कि दोनों बहनें शुरू से ही काफी मेहनती तथा लगनशील रही हैं। गीता बलाली की सादगी तथा शालीनता पर आश्चर्य जताते हुए वाक्या बताया कि एक बार गीता विदेश से रात को दो बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरी प्रात: चार बजे वह गांव पहुंची इसके बावजूद भी वह सुबह पौने आठ बजे स्कूल ड्रेस में विद्यालय में पढ़ने के लिए पहुंच गई। दोनों बहनों के पिता एवं कोच महावीर पहलवान कहते हैं कि उनकी लाड़ली बेटियों ने यह सिद्ध कर दिखाया है कि बेटियां भी माता पिता तथा देश का नाम रोशन कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों में भी उनकी बेटियां गोल्ड मैडल जीतकर देश का विश्व स्तर पर नाम रोशन करेगी। पांच भाई बहनों में बड़ी गीता तथा बबीता का लक्ष्य ओलम्पिक में गोल्ड मैडल जीतना है। इस उपलब्धि का श्रेय अपने पिता महावीर कोच, प्राचार्य कुलदीप फौगाट, क्षेत्र के गणमान्य लोगों तथा खेल प्रशिक्षकों को दिया है। गीता ने कहा कि लगातार उसका उत्साह बढ़ाए जाने से वह इस मुकाम तक पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया कि उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्र का सम्मान है। [2]

लंदन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई

Geeta Phogat with her sister, Babita Phogat

पहलवान गीता फौगाट ने रविवार को लंदन ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करके भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा। वह कजाकिस्तान के अस्ताना में एशियाई क्वालीफाइंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर ओलंपिक में जगह बनाने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं।[3]

हरियाणा की गीता फौगाट ने 55 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में कोरिया की जी इयुन उम को अंकों के आधार पर 5-0 से हराया। इससे उन्होंने न सिर्फ स्वर्ण पदक हासिल किया, बल्कि लंदन ओलंपिक में भी जगह बनाई।[3] इस प्रतियोगिता में स्वर्ण और रजत पदक जीतने वाले दोनों प्रतिभागियों को लंदन ओलंपिक का टिकट मिलेगा।

गीता फौगाट के पिता और कोच महावीर फौगाट ने कहा कि उनकी तमन्ना थी कि बेटी ओलंपिक में खेले और विश्व में देश का नाम रोशन करे।

गीता फौगाट ने शुरुआत से ही कुश्ती के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई है। उन्हें उम्मीद है कि गीता फौगाट ओलंपिक में भी देश के लिए सोना जीतकर लाएगी। गीता फौगाट इससे पूर्व 2010, दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतकर अपनी पहचान विश्व स्तर पर बना चुकी है।

इससे पहले उन्होंने राष्ट्रमंडल कुश्ती में सोने का पदक जीता था। गीता फौगाट के पिता महावीर फौगाट भी पहलवान थे।[3] कुश्ती के गुर उन्होंने अपने पिता से ही सीखे हैं।[3] गीता फौगाट की चार बहनें हैं और सभी राष्ट्रीय स्तर की पहलवान हैं।[3]

Ref - Jatland forums thread by Sandeep Phaugat

Geeta Phogat married wrestler Pawan Kumar on November 20, 2016

Actor and producer Aamir Khan in Balali village during wedding day of Geeta Phogat

Actor Aamir Khan has been coming to this village for two years while preparing for the sports biopic. He shot at Phogat’s old house too. Makers did some alterations to the house to suit the creative aspects of the film. One can see a beautiful painting of two wrestlers on the wall which was painted for the film.

Inhabitants of the village who are not so used to being surrounded by journalists and shutterbugs said they are happy about the film. They said this will give motivation to young girls here.

Rajesh Jakhar, neice of Mahavir Phogat said, “There was a lot of protest when Phogat used to train his girls. But now the mentality has changed after Geeta and other girls won world championships. Mahavir has now gone to Bollywood. The entire nation can see him now. He trains 15-20 girls from the village.”

“A lot of Bollywood films are being made in Haryana. It is a special place,” Aamir added. While being surrounded by the media he also took this opportunity to deliver a dialogue from his upcoming film, “Mari choriya choro se kam hai ka”, (मेरी छोरियां छोरों से कम हैं के?), thereby subtly promoting his film (Dangal) as well.[4]

External links

References


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