Gurbaksh Singh Sihota

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Gurbaksh Singh Sihota

Gurbaksh Singh Sihota (born:25.02.1944) (Lt General) played important role of bravery in 1971 Indo-Paak war for which he was awarded Vir Chakra. He had also participated in 1965 Indo-Pak war and was mentioned M-in-D in Despatch . Unit: 7 Field Regiment (Artillery).

कैप्टन गुरबख्श सिंह सिहोटा

कैप्टन (बाद में लेफ्टिनेंट जनरल) गुरबख्श सिंह सिहोटा

अति विशिष्ट सेवा मेडल, परम विशिष्ट सेवा मेडल, वीर चक्र, वीएम, MD

यूनिट - 7 फील्ड रेजिमेंट (आर्टिलरी)

ऑपरेशन कैक्टस लिली 

भारत-पाक युद्ध 1971

कैप्टन गुरबख्श सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत में, 25 फरवरी 1944 को हुआ था। उन्हें भारतीय सेना की आर्टिलरी रेजिमेंट में सेकंड लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन प्राप्त हुआ था। उन्होंने 1965 के युद्ध में, भाग लिया था और युद्ध में उनके कार्यों के लिए उन्हें Despatch में उल्लेख (M-in-D) किया गया था। 1971 के ऑपरेशन में उन्होंने एक एयर ऑब्जर्वेशन पोस्ट स्क्वाड्रन के साथ काम किया था।

9 दिसंबर 1971 को कैप्टन गुरबख्श सिंह को पूर्वी क्षेत्र (वर्तमान बांग्लादेश) में हेलीकॉप्टर जनित संचालन के लिए एक उपयुक्त LANDING SITE के चयन के लिए एक टोही दल को ले जाने का आदेश दिया गया।

हेलिकॉप्टर को कुशलता से उड़ाते हुए, कैप्टन सिहोटा शत्रु के अधिकार वाले क्षेत्र में अत्यधिक भीतर तक चले गए। इस टोही में, उनके हेलिकॉप्टर पर फायर किया गया और वह शत्रु के लघु हथियारों की गोलीबारी से क्षतिग्रस्त हो गया। किंतु, कैप्टन सिहोटा क्षतिग्रस्त हेलिकॉप्टर को भी सुरक्षित रूप से अग्रिम हेलीपैड पर ले आए।

उनका हेलीकॉप्टर क्षतिग्रस्त होने पर भी, उन्होंने दो गंभीर घायलों को निकालने के लिए मिशन चलाया। तत्पश्चात, उस मध्यान्ह उसी क्षतिग्रस्त हेलीकॉप्टर में, उन्होंने हेलीकॉप्टर जनित अभियानों के प्रथम चरण का नेतृत्व किया और अन्य हेलीकॉप्टरों को सुरक्षित लैंडिंग के लिए निर्देशित किया।

पूरे अभियान में कैप्टन सिहोटा ने उच्च कोटि के साहस, धैर्य एवं व्यावसायिक कौशल का परिचय दिया। उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया।

सिहोटा इंफेंट्री ब्रिगेड के ब्रिगेड मेजर रहे और लेह में इंफेंट्री डिवीजन के कर्नल जनरल स्टाफ के रूप में भी कार्य किया। पश्चिमी क्षेत्र में एक स्वतंत्र पैदल सेना ब्रिगेड की कमान संभालने के पश्चात, वह जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी स्थिति में विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग भी थे। लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नति प्राप्त होने पर, उन्होंने पश्चिमी क्षेत्र में एक स्ट्राइक कोर की कमान संभाली थी।

अक्टूबर 2001 में, लेफ्टिनेंट जनरल सिहोटा ने दक्षिणी कमान के जीओसी-इन-सी के रूप में पदभार संभाला था। वह सेना मुख्यालय में सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) के रूप में कार्यरत रहे थे।

स्रोत

रमेश शर्मा

संदर्भ

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