Hari Singh Mahiya
Author: Laxman Burdak, IFS (R) |
Hari Singh Mahiya (सरदार हरीसिंह महिया), from Bilyoowas Mahiyan (बिल्यूंबास महियान), Sardarshahr, Churu, was a Social worker in Churu, Rajasthan. [1]
जाट जन सेवक
ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....सरदार हरि सिंह - [पृ.142]: इस नौजवान को मैंने सन् 1932 में जाट विद्यार्थी कांफ्रेंस के अवसर पर चौधरी ख्याली सिंह गोदारा के साथ सर्वप्रथम पिलानी में देखा था। तब शायद आप पढ़ते थे। इसके बाद दो तीन बार मुलाकात हुई। इस समय आप वकालत करते हैं। बीकानेर के आखरी आंदोलन में आपका प्रमुख हाथ रहा है। आप उच्च शिक्षित तो हैं ही साथ ही काफी
[p.143]: समझ्दार भी हैं। इस समय आप की अवस्था 38-39 साल के आसपास है। आपके पिताजी का नाम सरदार कानसिंह है। आप की जन्मभूमि तहसील सरदारशहर के बिल्लू गांव में है। आप महिया गोत्र के जाट हैं।
जीवन परिचय
गैलरी
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Jat Jan Sewak, p.142
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Jat Jan Sewak, p.143
सन्दर्भ
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.142-143
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.142-143
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