Jai Pal Ridhau
Jai Pal Ridhau was from village Ridhau in Sonipat district of Haryana. He was awarded Vira Chakra for his act of bravery at Zojila during Indo-Pak War 1947-48. He was in Unit - 3 Jat Regiment (Dograi Battalion).
सिपाही जय पाल
सिपाही जय पाल
यूनिट - 3 जाट रेजिमेंट (डोगराई पलटन)
भारत पाक युद्ध 1947-48
सिपाही जय पाल का जन्म 7 सितंबर 1926 को ब्रिटिश भारत में संयुक्त पंजाब (वर्तमान हरियाणा के सोनीपत जिले) के रिधाओ गांव में हुआ था। वह ब्रिटिश-भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। स्वतंत्रता के पश्चात उन्हें 3 जाट बटालियन में नियुक्त किया गया।
कश्मीर पर कबाइली आक्रमण होने के पश्चात जब 26 अक्टूबर 1947 को महाराजा हरि सिंह ने भारतीय गणराज्य में विलय के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए, तब तक कबाईलियों के वेष में पाकिस्तानी सैनिक कश्मीर राज्य में भीतर तक गहरी घुसपैठ कर चुके थे। 3 जाट को जम्मू-कश्मीर में जोजिला दर्रे के निकट तैनात किया गया था।
13 सितंबर 1948 की रात्रि में 9:30 बजे 3 जाट बटालियन की A और D कंपनियों ने जोजिला क्षेत्र में चबूतरा पहाड़ी पर एकसाथ आक्रमण किया। इस कार्रवाई में सिपाही जय पाल प्रमुख प्लाटून के 2 नंबर ब्रेन गनर थे। भीषण लड़ाई में शत्रु हथगोले के SPLINTER लगने से गंभीर चोट उनका पेट फट गया और आंतें बाहर निकल आईं। उन्होंने स्वयं अपने हाथों से आंतों को पेट में दबाया और अपने समीप के एक अन्य सिपाही से प्राथमिक फील्ड ड्रेसिंग करवाई। इसके पश्चात उन्होंने आक्रमण को आगे बढ़ाया और शत्रु के बंकर में दो हथगोले फेंक कर दो शत्रुओं को मार गिराया।
इतनी गंभीर चोट लगने के उपरांत भी, जब तक उनकी प्लाटून लक्ष्य तक नहीं पहुंची तब तक सिपाही जय पाल अपने सेक्शन के साथ डटे रहे। तत्पश्चात पैदल चलकर लगभग 2.5 मील की दूरी पर स्थित रेजिमेंटल एड पोस्ट पर पहुंचे।
इस कार्रवाई में यह एक अत्यंत ही उल्लेखनीय उपलब्धि थी। सिपाही जय पाल को उनके दृढ़ निश्चय, लड़ाई की अडिग भावना एवं वीरता के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
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