Jat Itihas (Utpatti Aur Gaurav Khand)/Pustaken
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पुस्तक: जाट इतिहास (उत्पत्ति और गौरव खंड), 1937, पृष्ठ:175
लेखक: ठाकुर देशराज, जघीना-भरतपुर, प्रकाशक: ठकुरानी त्रिवेणी देवी मित्र मण्डल प्रेस, राजामण्डी आगरा
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- जाट इतिहास: लेखक - ठाकुर देशराज, बड़े साइज के 800 पृष्ठों की पुस्तक है। इसे पढ़ने के बाद जाटों की सब प्रकार की जानकारी हासिल हो जाती है। जाटों के संबंध में इससे अच्छी पुस्तक दूसरा कोई शायद ही लिख सकेगा। छपाई निहायत ही बढ़िया हुई है। सजिल्द पुस्तक का मूल्य केवल ₹5
- बृजेंद्र-वंश भास्कर: इसमें भरतपुर राज्य का इतिहास दिया हुआ है। पंडित गोकुलचंद्र जी दीक्षित से लिखा कर आगरा शुद्धि-सभा ने इसे प्रकाशित कराया था। मूल्य ₹1 मात्र
- जाट-गौरव भजनावली: जाट महासभा के ख्यातनाम उपदेशक ठाकुर भोला सिंह और ठाकुर हुकुम सिंह जी ने तैयार किया है। मूल्य-)
- नरेंद्र-केसरी: यह पुस्तक भी ठाकुर देशराज जी की लेखनी से लिखी गई है। इसमें भरतपुर के स्वर्गीय महाराज श्री कृष्णसिंहजी का जीवन चरित्र है। मूल्य सिर्फ ।)
- धन्ना भगत: इसमें प्रसिद्ध जाट साधु धन्ना भगत का जीवन चरित्र है और यह पुस्तक लिखी भी साधु स्वभाव के पुरुष द्वारा ही गई है। चौधरी रिछपालसिंह जी की यह कृति बिल्कुल उनके स्वभाव के अनुरूप ही हुई है। मूल्य //)
- सरदार जुझार: झुंझुनू के संस्थापक और जाटशाही के इच्छुक वीर झुंझाजी का इसमें जीवन चरित्र है। इस पुस्तक को कुंवर पन्नेसिंहजी देवरोड़ ने लिखा था और सरदार हरलालसिंहजी ने प्रकाशित कराया था। मूल्य //)
- मैनेजर मित्र-मंडल प्रेस राजामंडी आगरा, संदर्भ: जाट इतिहास (उत्पत्ति और गौरव खंड) (1937), लेखक: ठाकुर देशराज (प्रथम परिच्छेद के पहले)