Jat Jan Sewak/Panch Koshi, Chautala, Malaut Ke Sardar

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पुस्तक: रियासती भारत के जाट जन सेवक, 1949, पृष्ठ: 580

संपादक: ठाकुर देशराज, प्रकाशक: त्रिवेणी प्रकाशन गृह, जघीना, भरतपुर

पंचकोशी, चौटाला, मलोट के सरदार

पंचकोशी के सरदार

चौधरी राजारामजी जैलदार (बैठे हुये बांयें) चौधरी चुन्नीलालजी जाखड़ (बैठे हुये दाँयें)

[पृ.163]: यद्यपि पंचकोशी गांव जिला फिरोजपुर में है किंतु इस जिले के जाटों की भाषा पंजाबी से नहीं मिलती और उनकी सेवा का क्षेत्र भी अधिकतर बीकानेर राज्य ही रहा है। संगरिया जाट स्कूल को उन्नत बनाने में चौटाला के लोगों की भांति ही उनका हाथ रहा है। पंचकोशी में कई जाट घराने प्रमुख हैं उनमें जाखड़, पूनिया और कजला गोत्रों के तीन घराने और भी प्रसिद्ध हैं।

पंचकोशी के जाखड़ों में चौधरी चुन्नीलाल जी जाखड़ अत्यंत उदार और दिलदार आदमी हैं। आपके ही कुटुंबी भाई चौधरी राजारामजी जैलदार थे। वे अपने सीधेपन के लिए प्रसिद्ध थे। चौधरी चुन्नीलाल जी जाखड़ ने संगरिया जाट स्कूल को कई हजार रुपया दान में दिए। अबोहर के साहित्य सदन


[पृ.164]:में उन्होंने काफी रुपया लगाया है। सबसे बड़ी देन देहाती जनता के लिए आपके उद्योगपाल कन्या विद्यालय की है। यह विद्यालय आपने अपने प्रिय कुंवर उद्योगपालसिंह की स्मृति को ताजा रखने के लिए सन् 1942 में स्थापित किया है। इसके लिए आप ने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया है।

आप एक शिक्षित और प्रभावशाली जाट सरदार हैं। दूर-दूर तक आपका मान और ख्याति हैं। आप आर्य समाजी ख्याल के सज्जन हैं। जिले के बड़े बड़े धनिकों में आप की गिनती है। स्वभाव मीठा और वृत्ति मिलनसार है।

पंचकोशी के पूनियों में चौधरी मोहरूराम जी तगड़े धनी आदमियों में से हैं। आप ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं किंतु व्यापार में आप की खूब चलती है। आप लाखों रुपए कमाते हैं और अबोहर मंडी में आपका कारोबार है। वहां एक विशाल और भव्य मकान भी आपका है। पंचकोशी मैं भी पूरा ठाट है। आपने जाट स्कूल संगरिया को कई बार बड़ी-बड़ी रकमे दी हैं। आरंभ में आप अधिक से अधिक रकम इस विद्यालय को देते थे। स्वामी केशवानन्द जी में आपकी दृढ़ भक्ति है। और चौधरी छोटूराम जी के उनके अंत समय तक भक्त रहे। चौधरी छोटूराम जी जब अबोहर पधारे तो आपके ही अतिथि रहे।

पंचकोशी के दूसरे पूनियों में चौधरी घेरूराम जी, चौधरी लेखराम जी, और चौधरी जगन्नाथ जी के नाम उल्लेखनीय हैं। इन लोगों ने भी संगरिया विद्यालय की भरसक सहायता की।

यहां पर बद्रीराम जी नंबरदार और मेघाराम जी झझड़िया भी शिक्षा प्रेमी और संगरिया विद्यालय के सेवकों में से रहे हैं।

चौधरी खयाली राम जी काजला इस गाँव के तीसरे आदमी हैं जो सार्वजनिक हलचलों में दिलचस्पी लेते हैं। आप अबोहर


[पृ.165]:के चलता पुस्तकालय के मेंबर हैं। और दीपक अखबार के प्रेमी हैं। संगरिया जाट स्कूल की आपने सदैव तन मन धन से सेवा की है। आप समझदार और विचारवान आदमी हैं।

चौटाला (हिसार)

[पृ.165]: चौटाला (हिसार) संगरिया विद्यालय से यह गाँव दो-ढाई कोस के फासले पर है। यहां कई जाट घर काफी मशहूर हैं। इनमें चौधरी शिव करण सिंह, बल्लू रामजी चौधरी, चौधरी मलू राम, सरदारा राम सारण, चौधरी ख्याली राम, मनीराम, चौधरी जी सुखराम जी सिहाग और हरिराम पूर्णमल जी आदि ने जाट स्कूल संगरिया के प्राणों की बड़ी सावधानी से अपने नेक कमाई के पैसे से सहायता कर के बीकानेर के जाटों के उत्साह को जिंदा रखा है।

इस गांव में सहारण, सिहाग, और गोदारा जाट ज्यादा आबाद हैं।

चौधरी शिव करणसिंह चौटाला यहाँ के नेता लोगों में अपना प्रभुत्व रखते हैं। |चौधरी सरदारा राम जी अन्य आदमी हैं। इन सभी लोगों ने बीकानेर निवासी कृतज्ञ हैं। यहां पर चौधरी साहबराम जी कांग्रेसी नेताओं में गिने जाते हैं।

मलोट के सरदार

[पृ.165]: मलोट एक मशहूर मंडी है। यह भी जिला फिरोजपुर में है। यहां के चौधरी हरजीराम जी एक शांतिप्रिय और मशहूर आदमी हैं। कारबार में रुपया लगाने में आप मारवाड़ियों जैसे हिम्मत रखते हैं। आपने सन 1938-39 में मलोट मंडी में कपास ओटने का एक मिल खड़ा किया। वह आरंभ में नहीं चल सका।


[पृ.166]: इससे आपको बड़ा आर्थिक धक्का लगा। इसके बाद व्यापार और कृषि तथा लेनदेन से फिर अपने सितारे को को चमकाया। संगरिया विद्यालय के तो आप प्रमुख कर्णधारों में हैं। आपने उसे चलाने के लिए अपने पास से भी काफी धन दिया है। अबोहर साहित्य सदन की प्रगतियों में भी आपका काफी हाथ रहता है। आपके छोटे भाई चौधरी सुरजा राम जी हैं। पुत्र सभी शिक्षित और योग्य हैं। इस समय दीपक को साप्ताहिक करने में आपका पूरा सहयोग है। आप जिले के मुख्य धनियों में से एक हैं। आप गोदारा हैं।

झूमियाँवाली

यहां के चौधरी हरिदास जी सार्वजनिक कामों में बड़ी दिलचस्पी लेते हैं। और लोगों में आपका बड़ा मान है। आप बैरागी जाट हैं। पवित्र रहन सहन और खयालात आप की विशेषता है। संगरिया विद्यालय की आपने समय-समय पर काफी मदद की है।


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