Joga Singh Rao

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(Redirected from Jat Samrat Joga Singh)
Author:Laxman Burdak IFS (R)
Jat Raja Joga Singh Rao

Joga Singh Rao was a ruler of Nimar province where they ruled continuously till the rein of Mugals and Marathas. The great warrior Joga Singh Rao got constructed Joga Fort. The elder brother Bhoga was killed in a war and Joga ascended to the throne.

History

Joga Fort

Joga Fort
Joga Fort Gate, Image by Anil Gulati

Joga fort was built by two Jat warrior brothers Bhoga and Joga. They were contemporary of Alha and Udal warriors in the Army of Chandel rulers. Chandela rulers made them the governor of Nimar province where they ruled continuously till the rein of Mugals and Marathas. The great warrior Joga Singh Rao got constructed this fort. The elder brother Bhoga was killed in a war and Joga ascended to the throne. The folk tradition reveals that Joga loved one Gujar woman. It is believed that even after becoming the rani, the Gujari used to go by a secret route to take bath in the Narmada River and bring drinking water herself. There is a large population of Jats and Gujars surrounding the area. [1]

About 20 Kms down-stream of Nabhi point is Joga-ka-Quilla, an old strong rock fort in the middle of the river Narmada. Once upon a time this fort was used as a barrack to house armed forces. It has many special characteristics like inaccessibility to enemy and strategic location, beside strong exteriors. There are concealed deep wells, with water drawing facility. This fort was probably repaired by Hoshang Shah or Sultan Hushang Shah Gori. Hoshang Shah renamed Hoshangabad city in his own name which was earlier called Narmadapur after the river Narmada. Hoshang Shah was the second king of Mandu (Malwa) in early 15th century.[2]

The fort is still a site of unique beauty. The area surrounding the fort in a radius of about 25 km is good natural forest. It is situated on a 1000 metre high island above Narmada waters. It still reveals the history of Jat warriors even after 800 years have passed. [3]

जाट सरदार जोगा सिंह राव

जाटो के द्वारा निर्मित जोगा का किला तहसील हंडिया जिला हरदा मे हरदा-देवास जिलों की सीमा पर मध्यप्रदेश राज्य मे स्थित है । किले का निर्माण जाट जोगासिंह राव द्वारा कराया गया था । किला करीब 900 वर्ष पुराना है। यह जीवनदायनी नर्मदा नदी के बीचों-बीच अडिग खड़ा है। यह देवास जिले के खातेगाँव ब्लॉक के ग्राम बाई-जगवाडा से करीब आठ किलोमीटर की दूरी पर है। यह एक खूबसूरत पर्यटक स्थल है। नर्मदा के मध्य होना और चारों और सुहावने प्राकृतिक सौंदर्य का होना इस किले की खूबसूरती को चारचाँद लगा देता है। नर्मदा के मध्य मे खड़े किले के उत्तरी घाट पर ग्राम फ़तेहगड़ है जो देवास जिले में आता है और किले के दूसरी और नर्मदा के दक्षिणी घाट पर जोगा खुर्द ग्राम है जो हरदा जिले में आता है।

जोगा का किला दो जाट योद्धा भाईयों जोगा और भोगा के द्वारा निर्मित है। बड़े भाई भोगा के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो जाने के पश्चात जोगासिंह राव द्वारा राज सम्भाला गया और किले के निर्माण को पूरा किया गया। लोक कथाओं से पता चलता है कि क्षेत्र में इनका जिक्र आज भी बहुत होता है ।

नर्मदा के नाभिकुंड से करीब 20 किलोमीटर नीचे जोगा के मजबूत किले को एक समय हथियार और तोप रखने के बड़े तौपखाने के रुप में भी उपयोग मे लिया जाता था। इस किले की कई महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं - किले की विशिष्ट रणनीतिक स्थिति और बाहरी मज़बूती जिससे दुश्मन का इसे न भेद पाना आदि। मध्य भारत में रणनीति के हिसाब से भी इसका महत्वपूर्ण जगह स्थित होना है। इसके भीतर कुछ गुप्त गहरे कुएँ भी है । इस किले की सम्भवत: होशंगशाह द्वारा मरम्मत कराई गयी थी। होशंगशाह वही सुल्तान है जिसने नर्मदापुर का नाम बदल कर होशंगावाद रखा था। होशंगशाह 15 वीं शताब्दी में मांडु (Malwa|मालवा) का द्वितीय शासक था। यह किला आज भी अपने दम पर अपने सौंदर्य को सहेजे हुए है। किले के आसपास के 25 किलोमीटर के क्षेत्र में प्राकृतिक जंगल एवम् नर्मदा का प्रवाह यहाँ बहुत ही प्राकृतिक सुंदरता का एहसास कराता है ।

See also

Gallery

References

  1. Chaudhary Raghuvir Singh: Joga Kila, Jat-Veer Smarika, Gwalior, 1987-88, pp. 49-50
  2. Hoshangabad District Government Website
  3. Chaudhary Raghuvir Singh: Joga Kila, Jat-Veer Smarika, Gwalior, 1987-88, pp. 49-50

External Links



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