Jawar Udaipur

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Jawar on Map of Udaipur District‎

Jawar (जावर) village is situated on Girwa tahsil in Udaipur District in Rajasthan. It is on the northern border of the district.

Variants

  • Jawar जावर (जिला Udaipur उदयपुर, राज.) (AS, p.364)

History

जावर उदयपुर

Jawar जावर (जिला Udaipur उदयपुर, राज.) (AS, p.364) - जावर उदयपुर ज़िला, राजस्थान में प्राचीन काल में मेवाड़ का छोटा-सा वन्य क्षेत्र था, जहाँ महाराजा लाखा के समय में (14वीं शती ई.) भीलों का आधिपत्य था। महाराणा ने जावर को भीलों से छीन लिया। इस प्रदेश में लोहा, चांदी, सीसा, तथा अन्य धातुओं की खानें थीं, जिनको प्राप्त कर लाखा जी को बहुत [p.365]: लाभ हुआ। मेवाड़ के व्यापार की इससे बहुत उन्नति हुई थी और राजकोष भी बहुत धनी हो गया।

महाराणा लाखा ने अपनी संपत्ति को मेवाड़ के प्राचीन स्मारकों और मंदिरों आदि के जीर्णोद्वार में लगाया तथा अनेक नये भवन तथा दुर्ग बनवाए। इन्हें अलाउद्दीन खिलजी ने 1303 ई. के आक्रमण के समय नष्ट-भ्रष्ट कर दिया था।

जावर उदयपुर परिचय

राजकुमारी रमाबाई महाराणा कुंभा की पुत्री थीं, जिसका विवाह गिरनार (जूनागढ़, काठियावाड़) के राजा मंडीक चतुर्थ के साथ हुआ था। अपने पति से अनबन हो जाने पर वह अपने भाई महाराणा रायमल के समय गिरनार से वापस आकर जावर में बस गई, जहाँ उन्होंने 'रमाकुण्ड' नाम का एक विशाल जलाशय खुदवाया। 'रामस्वामी' नामक एक सुन्दर विष्णु मंदिर उन्होंने उसी के तट पर बनवाया। मंदिर की दीवार पर लगे शिलालेख से ज्ञात होता है कि सन 1497 (विक्रम संवत 1554) में इसका निर्माण कराया गया था। महाराणा रायमल का राजतिलक जावर में ही हुआ था।

पर्यटन: जावर उदयपुर के ख़ूबसूरत शहरों में गिना जाता है और उदयपुर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। नया जावर क्षेत्र वर्तमान में एक छोटे से कस्बे के रूप में है, जहाँ अधिकांश जनसंख्या अब भी भीलों की है। 'जावर माता' नामक देवी का मंदिर जावर में स्थित है। यहाँ पर इसके अलावा कई जैन, शिव तथा विष्णु के मंदिर भी स्थित हैं।

संदर्भ: भारतकोश-जावर उदयपुर


पर्वत-मालाओं के बीच स्थित यह स्थान उदयपुर से अनुमानतः 20 मील दक्षिण में स्थित है। एक ऊँची पहाड़ी के मध्य में जावर माला नामक स्थान है जहाँ महाराणा प्रताप अकबर के साथ लड़ाईयों के दौरान कभी-कभी रहा करते थे। महाराणा लाखा के समय चाँदी और सीसे की खानों में कार्य होने के कारण यहाँ की आबादी अच्छी थी लेकिन बाद में खान का कार्य बन्द हो जाने से जनसंख्या भी कम होती गई। वर्तमान में नया जावर क्षेत्र एक छोटे से कस्बे के रुप में है जहाँ अधिकांश जनसंख्या भीलों की है।

Jawar Mata Temple Inscription of Maharana Raimal 1497 AD

जावार में जावर माता नामक देवी का मंदिर है। इसके अलावा यहाँ कई जैन, शिव तथा विष्णु के मंदिर हैं। महाराणा कुंभा की राजकुमारी रमाबाई जिसका विवाह गिरनार (जूनागढ़, काठियावाड़) के राजा मंडीक चतुर्थ के साथ हुआ था, अपने पति से अनबन हो जाने पर अपने भाई महाराणा रायमल के समय गिरनार से वापस आकर जावर में बस गई जहाँ उन्होंने रमाकुण्ड नाम का एक विशाल जलाशय खुदवाया। उसी के तट पर रामस्वामी नामक एक सुन्दर विष्णुमंदिर भी बनवाया। मंदिर की दीवार पर लगे शिलालेख से ज्ञात होता है कि इसका निर्माण सन् 1497 (विक्रम संवत् 1554) में कराया गया है। महाराणा रायमल का राजतिलक जावर में ही हुआ था।

Jat gotras

Notable persons

External links

See also

  • Samoli - For Samoli Inscription of year 646 AD

References


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