Khanpur Kalan Matanhail
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Khanpur Kalan (खानपुर कलाँ) is a village in Matanhail tahsil of Jhajjar district in Haryana
Location
Origin
The Founders
- Gahlawat Jats.
Jat Gotras
History
कप्तान सिंह देशवाल लिखते हैं

कप्तान सिंह देशवाल लिखते हैं -
यह गाँव पहले से ही आबाद था। लगभग 200 वर्ष पहले प्रदेश में बहुत भयंकर अकाल पड़ा था। वह अकाल कई वर्षों तक पड़ता रहा। इस गाँव का एक परिवार गहलावत गौत्र से अपने पशुधन को बचाने के लिए पानी और चारे की तलाश में साबी नदी के किनारों के साथ-साथ पशुओं को लेकर गाँव सुरहेती में आकर अपना पड़ाव डाल दिया। यह परिवार गाँव से बाहर ठहरा हुआ था। इस परिवार की मुलाकात एक देशवाल परिवार से हो गई। पहले आदमी दुःख में एक दूसरे से अनजान होते हुए भी दिल से मदद करते थे। इसी परम्परा के अनुसार गाँव खानपुर कलाँ के परिवार को देशवाल परिवार अपनी जगह पर ले आया और उसे पूरी मदद करने के उद्देश्य से गहलावत परिवार को अपना जीवन निर्वाह करने के लिए बो-जोत के लिए कुछ खेत की जमीन दे दी थी। लगभग 4-5 साल तक यह परिवार इस गाँव में हँसता खेलता रहा।
भगवान की करनी हुई। बहुत अच्छी वर्षा के कारण यह गहलावत परिवार सुरहेती से अपने गाँव वापिस आ गया। यहीं पर दोबारा अपना कृषि का कार्य अच्छी तरह से करने लगे। कई वर्षों के बाद इस परिवार की एक लड़की शादी के लायक हो गई। गहलावत परिवार अपनी लड़की की सगाई करने के लिए गाँव सुरहेती के उसी परिवार के साथ रिश्ता जोड़ने के उद्देश्य से आया। गहलावत परिवार ने देशवाल परिवार के सामने अपना प्रस्ताव रखा। गहलावत परिवार ने साफ मना करते हुए कहा कि आपसे हमारा भाईचारा रहा है, अतः आप अपनी लड़की की रिश्ता इस गाँव में नहीं करोगे। हम आपके साथ भाईचारे की तरह दुख-सुख में मदद करेंगे। अतः आप किसी अन्य गाँव में रिश्ता कर दें। यही उचित है।
देशवाल परिवार की बात को सुनकर गहलावत परिवार ने इस कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए कहा कि अगर आप भाईचारा चाहते हो तो हमारे साथ हमारे गाँव में चलकर बसो। कई बार प्रार्थना करने पर यह निर्णय लिया गया कि हम आपकी मदद के लिए चलेंगे। अतः सन् 1840 में चौ. दिन्ना देशवाल अपने परिवार सहित गाँव खानपुर कलाँ में आकर बस गया। इस गाँव में देशवाल गौत्र की पूरी बस्ती है।
विशेषताऐं -
- क्षेत्रफल - इस गाँव में 250 बीघा जमीन बो-जोत की है।
- यह आबादी गाँव के पूर्व में और सड़क पर आबाद है।
- यह गाँव जिला झज्जर से बहुझोलरी रोड पश्चिम दिशा में एक किलोमीटर पर आबाद है। यह गाँव झाड़ली पावर प्लांट के पास है।
- चौ. खेमचन्द देशवाल चर्चित पहलवान हुआ है।
- दादा नाहन्टा ने लड़के की शादी में बारात चढ़ने से पहले एक किलोग्राम देशी घी का सभी जातियों (चूची-बच्चा) सभी छोटे से बड़े तक आदमियों को गिन्दोड़ा और एक-एक रुपया दिया था। आज तक यह कई कोस तक का रिकार्ड है। गिन्दोड़ा महिलाओं में भी बांटा गया था।
- इस गाँव में भादवे की आठम और नौमी को गूगा पीर के नाम पर भारी मेला और कुश्तियों का आयोजन हर साल होता है।
- देशवाल परिवार ने गाँव में दो मन्दिर भी बनवाये हैं।
- चौ. खेमचन्द भज्जन सिंह देशवाल स्वतन्त्रता सेनानी हुए हैं।[1]
Population
(Data as per Census-2011 figures)
Total Population | Male Population | Female Population |
---|---|---|
1620 | 849 | 771 |
Notable Persons
External Links
References
- ↑ कप्तान सिंह देशवाल : देशवाल गोत्र का इतिहास (भाग 2) (Pages 78-79)
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