Khaprana

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Khaprana (खपराना) is a medium-size village in Baraut tahsil, Bagpat district in UP.

Location

Pincode of the village is 250622. It is situated 22km away from Baraut town and 30km away from Baghpat city. Khaprana village has got its own gram panchayat. Bamnauli, Kanhar Talibpur and Palri are some of the nearby villages.

Jat Gotras

History

2000 साल पुरानी मुद्रा मिली

Reference - Bhaskar, 16.11.2018

बागपत जिले के खपराना गांव में 2000 साल पुरानी मुद्रा (करेंसी) मिली है। माना जा रहा है कि यह करेंसी कुषाणकालीन राजा वासुदेव ने जारी की थी। तांबे के ये सिक्के मिट्टी के छोटे-छोटे बर्तनों में भरे मिले। 'शहजाद राय शोध संस्थान' के निदेशक अमित राय जैन ने ऐतिहासिक महत्व की इस जमीन का सर्वेक्षण किया। इसकी रिपोर्ट अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को भेजी जाएगी। खपराना गांव में 100 बीघा से भी अधिक एरिया में प्राचीन टीले मौजूद हैं। सर्वेक्षण के दौरान यहां से टूटे-फूटे मिट्टी के बर्तन, महिलाओं की ज्वैलरी,बच्चों के खेल-खिलौने, खाने-पीने की चीजें रखने वाले बर्तन भी मिले। इतिहासकार अमित राय जैन के मुताबिक, वे एएसआई से खपराना गांव में उत्खनन कराने के लिए लेटर लिखेंगे, ताकि यहां दफन प्राचीन सभ्यता दुनिया के सामने आए।

ये सिक्के राजा वासुदेव ने 200-225 ए.डी. (1800-2000 वर्ष) पहले जारी किए थे। एक सिक्के का वजन करीब 7-8 ग्राम और साइज 23 मि.मी. है। सिक्के के एक ओर स्वयं राजा वासुदेव सिर पर मुकुट पहने दिखाई दे रहे हैं। उनके एक हाथ में त्रिशूल है। वहीं दूसरे हाथ से यज्ञ में आहुति डाल रहे हैं। सिक्के के दूसरी ओर भगवान शिव डमरू व त्रिशूल के साथ अपने वाहन नंदी के साथ मौजूद हैं।

कुषाण साम्राज्य उत्तर-पूर्वी भारत तथा वर्तमान अफगानिस्तान तक फैला था। भारतीय कला जगत का परिपक्व युग यहीं से शुरू माना जाता है। हुविष्क के बाद वासुदेव कुषाण साम्राज्य का राजा बना था। उसके सिक्कों पर शिव और नंदी की प्रतिमाएं अंकित हैं। हालांकि कहा जाता है कि राजा वासुदेव के शासन काल में ही कुषाण साम्राज्य कमजोर होना शुरू हो गया था।

Population

Population of Khaprana according to Census 2011, stood at 1429 (Males : 754, Females : 675).[1]

History

Notable persons

External Links

References


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