Kharia Hisar
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Kharia (खारिया) is a village in Hisar tahsil and district in Haryana.
𝗟𝗼𝗰𝗮𝘁𝗶𝗼𝗻
यह गांव हिसार जिले से 23 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में बसा हुआ है। और हरियाणा राज्य के उत्तर पश्चिम में है। और हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ से 264 किलोमीटर दूर है और भारत की राजधानी से 186 किलोमीटर दूर है। इस गांव में आने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन जाखोद का है। और इस गांव में बस के 4 बस स्टैंड है 2 गांव में और एक सिसवाला रोड पर और एक किरतान रोड पर।
Location
Jat Gotras
History
अगर बुजुर्गों की मानें तो यह गांव लगभग 700 से 800 वर्ष पूर्व का बसा हुआ है। मुख्यतः कस्वां और बैनीवाल गोत्र के जाटों ने इस गांव को बसाया । इस गांव के बसने के बारे में दो विचार हैं: 1. यह गांव इसी गांव से लगभग 1 किलोमीटर दूर बसे पुराना खारिया से आकर लोगों ने बसाया और 2. दूसरा विचार यह है कि यह राजस्थान से आकर बेनीवाल और कस्वां गोत्र के लोगों ने इसे बसाया। इसमें अब लगभग 20 से ज्यादा जाट गोत्र के लोग रहते हैं। इस गांव की एकता के चर्चे तो लगभग पूरे हिसार ही नहीं हरियाणा में मशहूर हैं। इस गांव में एक खारे पानी का कुआं होता था जिसके कारण इसका नाम खारिया पड़ गया। यह गांव (सर्वजातीय खाप बारह) का हिस्सा भी है। यही खाप इस गांव के इतने पुराने होने का सबूत देती है क्योंकि यह खाप लगभग 700-800 वर्ष पूर्व बनाई गई थी। जिसका चबूतरा आज भी इसी के गवांडी गांव भिवानी रोहिल्ला में है।
Population
सन् 2022 की जनगणना के अनुसार गांव खारिया में 5250 लोग रहते हैं। जानकारों के अनुसार गांव खारिया में लगभग 800 घर गांव में और 400 ढाणिया है। और अगर जातिय वोटों कि बात करें तो वो 2023 के हिसाब से निम्नलिखित हैं।
जाट वोट। कस्वां 570 बेनीवाल 435 पूनिया 132 धायल 119 झाझड़िया 115 सहारण 86 महैरिया 62 गढ़वाल 48 ढाका 43 थालोड़ 41 लोरा 37 सिहाग 28 कुलड़िया 25 खिचड़ 21 तेतरवाल 20 मिल 18 डिल्लो 17 नैन 13 दहिया 10 गोदारा 7 श्योराण 7 देवन्दा 7 ग्रेवाल 4 कड़वासरा 3 बुडानियाॅ 2
अन्य वोट हरिजन 388 कुम्हार 203 वाल्मिकी 210 स्वामी 122 बानिया 92 जांगडा 83 ब्राह्मण 58 नायक 21 झिमर 18 नाई 15 मिरासी 7 जोगी 7 सुनार 6 लुहार 6 धानक 6 राजपूत 2
Notable persons
1. शहीद सुभाष चंद्र मिल खारिया - इनका जन्म 10-1-1980 को गांव खारिया जिला हिसार में हुआ और अपने विवाह के 51 दिन बाद 17-7-2002 को यह जम्मू कश्मीर के उधमपुर क्षेत्र के बुधला सेक्टर में आतंकवादी की गोली से शहीद हो गए और 19-7-2002 को इनका अंतिम संस्कार किया गया उस समय जिला उपायुक्त दीप्ति उमाशंकर व पुलिस अधीक्षक ओपी कादियान शामिल थे। 2. स्व० श्री लालचंद कस्वां। -आजाद हिंद फौज 3. स्व० श्री रावत सिंह नैन। -आजाद हिंद फौज और भी गांव से सैकड़ों लड़के फौज में है।
उच्च पद
1. श्री दयानंद पुत्र श्री हरिसिंह बैनीवाल। -अतिरिक्त महानिरीक्षक, कारागार।
2. श्री औमप्रकाश पुत्र श्री मोमनराम मेहरिया। -जिला शिक्षा अधिकारी।
3. श्री इंद्रदेव पुत्र श्री शिवनंद। -प्रबंधक, भारतीय रिजर्व बैंक।
4. श्री देवराज पुत्र श्री श्योनाथ। -उपमंडल अभियंता ,जन स्वास्थ्य विभाग।
5. श्री महावीर सिंह पुत्र श्री रामरख। -नायब तहसीलदार
6. श्री हवासिंह सिहाग। -प्रधान जिला कुश्ती संघ हिसार।
7. श्री प्रदीप सपुत्र श्री रमेश जांगड़ा। - अंतरराष्ट्रीय कुश्ती कोच भारतीय टीम।
8. श्री चतर सिंह बैनीवाल पुत्र श्री अमर सिंह बैनीवाल। -सन 1981 में प्रदेश स्तरीय कबड्डी टूर्नामेंट में प्रथम स्थान प्राप्त किया हुआ सन् 1984 में बॉक्सिंग आर्मी टूर्नामेंट में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
9. श्री बलजीत कस्वां नंबरदार खारिया। -ग्राम वक्ता।
और गांव के बहुत से और लोग सरकारी पदों पर तैनात है और खेलों में तो गांव के बहुत से बच्चे व बड़े मेडलिस्ट है।
- संपादक* - Mitta kharia (Amit Kaswan)
More about kharia
सन 2022 की जनगणना के अनुसार गांव खारिया में 5250 लोग रहते हैं। जानकारों के अनुसार गांव खारिया में लगभग 800 घर गांव में और 400 ढाणिया है। और और लगभग 4800 एकड़ जमीन खेती करने योग्य है और 200 एकड़ गांव और शामलात की है। गांव में 60 परसेंट जाट है और बाकी 40 में हरिजन, वाल्मीकि , स्वामी, खाती ,कुम्हार आदि है। गांव में मुख्यतः 90% लोगों द्वारा हरियाणवी भाषा बोली जाती है, बाकी 10 परसेंट वे लोग हैं जो या तो राजस्थान से संबंध रखते हैं या फिर राजस्थान में रिश्तेदारीया है। ग्राम देवता के रूप में बाबा रामपुरी व बाबा सेवा नाथ जैसे महान देवता इस गांव में हुए हैं जिन्हें लोग आज भी लोग पूजते हैं। और खारिया गांव में 12 वाटर कूलर व 51 मंदिर है जिसके कारण इसे मंदिरों का गांव भी कहा जाता है। गांव के लगभग सभी लोगों का कार्य खेती-बाड़ी है अंग्रेजों के राज के समय में सन् 1946 में यहां पर नहर की खुदवाई हुई और सन् 1954 में नहर में पानी आया तब से गांव खारिया में 4 नेहरो का पानी लगता है चौधरी माइनर, सिसवाला सब माइनर ,बालसमंद ब्रांच व कबीर इसलिए इस गांव की जमीन पूरे एरिया में मशहूर है। अगर जानकारी की माने तो सन् 1968 में गांव में पहली बार बिजली आई और सन् 1972 में गांव की पहली सड़क पक्की हुई। और इस गांव का भाईचारा तो इतना मशहूर है कि आस-पास के गांव इसका नाम सुनते ही घबराते हैं। वक्त आने पर इस गांव से पुरुषों के साथ महिलाएं और बुजुर्ग भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हो जाते हैं।
सरपंच
1. अनदेव सेठ 2. रामनारायण कस्वां 3.रामनारायण कस्वां 4.इंदर बैनीवाल 5.सुजान बैनीवाल 6. इंदर बेनीवाल 7.हंसराम कस्वां 8.प्रहलाद कस्वां 9.राजेश कस्वां 10.हवासिंह सिहाग 11.भालसिंह कस्वां 12.सोनिया हालू 13.बलवान धायल
External links
References
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