Kiloi

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Kiloi (किलोई, कलोई) is a large village in district Rohtak of Haryana. The govt. (tahsil) revenue records on this village show its registered name in two parts - Kiloi Dopana and Kiloi Khas.

Location

It is the centre of Hooda Khap and is a constituency of Haryana Vidhan Sabha. Bhupinder Singh Hooda, the present Chief Minister of Haryana, won election from this constituency.

History

In the 1880s, a branch of the Arya Samaj was established in Rohtak by Rai Sahib Sansar Chand, who succeeded in drawing the villages of Sanghi and Kiloi in Rohtak into the Arya Samaj fold.

Sculpture unearthed

kiloi

The following is the photo of ancient temple statue/sculpture in Kiloi. The temple is the site of famous Shiv Ratri Mela in the village. The sculpture was excavated from the village site after it partially showed itself out from the top side, from the soil.

Jat gotras

महान् कृषि वैज्ञानिक डा. रामधन सिंह

Dr. R.K.Rana garlanding the statue of Dr. Ram Dhan Singh at Village Kiloi

किसान-पुत्र महान् कृषि वैज्ञानिक डा. रामधन सिंह जी ने गुणवत्ता में सर्वोत्तम गेंहू C306, बासमती-370 ईजाद करके 1925-45 में दुनिया को हरितक्रांति की राह दिखाई!

जिस महान् मानव के कारण दुनिया के 100 करोड़ लोग भूखे मरने से बचे (1960 के दशक में) उनको जानें........!!!

जी ,मैं बात कर रहा हूँ "हरित क्रांति" के अग्रदूत विश्व-विख्यात कृषि वैज्ञानिक डॉ. रामधन सिंह हुड्डा जी की।

1 मई 1891 में रोहतक जिले के किलोई गांव में साधारण किसान के घर इस असाधारण बालक ने जन्म लिया। हमारी ज़ाट बिरादरी से शायद पहले होंगे जो लंदन कैम्ब्रिज में पढ़ने गए। प्राकृतिक विज्ञान और कृषि में Ph.D करने के बाद 1925 में Punjab Agriculture College and Research Institute ,Layallpur(Punjab) में प्रिंसिपल लगे। 1947 में रिटायरमेंट तक वहीं रहकर भारत ही नहीं, दुनिया के लिए नई नई किस्में इज़ाद की गेहूं, जौ, धान, दाल, गन्ना की।

Canada और Mexico ने सबसे पहले इनकी गेहूं C-591 अपनाई और पैदावार के रिकॉर्ड बनाये।

C-217,C-228, 250, 253, 273, 281 और C-285, C-518 उनकी मुख्य गेहूं varieties हैं।

जिस C-306 गेहूं को सबसे स्वादिष्ट माना जाता है उसे डॉ. रामधन सिंह जी ने ईज़ाद किया था। संसार में मशहूर बासमती चावल 370 और Jhona 349 भी डॉ. रामधन जी की ही देन हैं।

उनके योगदान का अंदाजा यों लगा सकते हो, जिसको Mexico से नोबल पुरस्कार विजेता डॉ. Norman E Borlog 1963 में डॉक्टर रामधन सिंह जी से Sonipat उनके घर पर मिलने आए और रामधन सिंह जी के पैर छू कर कहें - आपने संसार को बेहतर किस्में देकर 100 करोड़ लोगों को भूखे मरने से बचा लिया - और खुशी से रो दिए।

1965 में लाल बहादुर शास्त्री जी ने डॉ. रामधन सिंह जी को किसी भी राज्य के Governor बनने के लिए कहा था लेकिन डॉक्टर रामधन सिंह जी ने कहा राज्यपाल बनने से ज्यादा भला मैं वैज्ञानिक के तौर पर कर सकता हूँ देश का। और उन्होंने ऐसा किया भी।

1961 में पाकिस्तान ने डॉ रामधन सिंह जी को राष्ट्रपति गोल्ड मैडल से सम्मानित किया और वह यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय बने।

17 अप्रैल 1977 को डॉ रामधन सिंह जी इस संसार को अलविदा कह गए लेकिन सबको जिंदा रहने के लिए अथाह अनाज भंडार दे गए।

हम क्यों नही जन्मदिन मनाते उनका?खाते हैं 306, 370 और चूसते हैं गन्ना 312 जिनका?सबको बताएं महान् किसान पुत्र की महान् देन दुनिया को।

डॉ रामधन सिंह जी अमर हैं।

आज (17 अप्रैल) उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें शत शत नमन

Population

Notable persons

External links

References



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