Kishanpur Bagpat

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Kishanpur (किशनपुर) is a large village in Desh-khap.

Location

Pincode of the village is 250622. It is situated 8km away from Baraut town and 23km away from Baghpat city. Kishanpur village has got its own gram panchayat. Ibrahimpur Majra, Fatehpur Chak and Asharfabad Thal are some of the nearby villages.

Jat Gotra

Tomar[1]

History

लेखक:-मानवेन्द्र सिंह


राजा कौन्तेय किशनसिंह कुंतल (तोमर)

दिल्ली पर तोमर जाटों का शासन था। इसी वंश में राजा अनंगपाल तोमर के पितामह (दादाजी) महाराजा सलकपाल देव के मझले पुत्र राजा किशनपाल सिंह थे उनको इस क्षेत्र जागीरी मिली हुई थी। किशनसिंह ने इस क्षेत्र में चौधराठ की स्थापना की थी।उस समय के नाथ सम्प्रदाय के गुरु संत फूला नाथ के निर्देश से पुरोहित देवकीनंदन के दुवारा यज्ञ दुवारा विधिवत किशनपुर की स्थापना की गई थी।

विक्रम सम्वत 1125 ईस्वी (1067 ईस्वी ) किशनपुर की नींव रखी गयी थी। इस ग्राम में दिल्ली की जाट रानी सलकपाल देव की रानी (महाराजा अंनगपाल की दादी ) की मृत्यु उपरांत समाधी किशनसिंह के दुवारा बनवाई गयी थी।जो बड़ी माता के रूप में पूजी जाती है जिसको बड़ी माता के रूप में जाना जाता है। गढ़ मुक्तेश्वर के प्रसिद्ध नग के कुआँ का पुनः निर्माण राजा किशनपाल तोमर ने करवाया था। ग्रह मुक्तेश्वर के पास के सात ग्रामो को जीत कर उनकी आय से यहां सार संभाल की व्यवस्था की थी। ऐसा माना जाता है की इंद्रप्रस्थ के पाण्डववंशी तोमर राजाओ ने इस जगह किशनपुर ग्राम बसने से पहले एक न्याय पीठ की स्थापना भी की थी। मुस्लिम हमले में यह न्याय पीठ नष्ट हो गयी थी।इस न्याय पीठ के अवशेष आज भी टीले के रूप में विद्यमान है।

किशनपुर में चौधरी कृपाराम तोमर ने भी एक बारादरी का निर्माण करवाया था जिस में एक कुंडली नुमा संरचना थी इस संरचना में खड़ा होकर व्यक्ति झूठ नहीं बोलता था। यदि कोई झूठ बोल दे और पकड़ा जाए तो उसको फांसी की सजा दी जाती थी। चौधरी कृपाराम के समय उनके किसी लड़के ने झूठ बोला और पकड़ा गया न्याय प्रिय कृपाराम ने अपने लड़के को फांसी की सजा दे दी थी यहां सबके लिए समान न्याय व्यवस्था थी किशनपुर ग्राम में तोमर राजाओ द्वारा बनाया गया तालाब प्रसिद्ध रहा है। यह तालाब 14 बीघा भूमि मेबना हुआ है।इसमें स्न्नान करने से चार्म रोग दूर हो जाते है यहां राजा सलकपाल देव और अंनगपाल देव द्वारा मंदिरो की एक श्रृंखला का निर्माण करवाया गया था। जिस पर दाराशिकोह ने शरण ली थी। इस कारण औरंगज़ेब ने यहां हमला किया और इन मंदिरो को नष्ट कर दिया जाट वीरो के विरोध के आगे औरंगज़ेब कुछ ही जगहों को नुकसान पंहुचा पाया था। यहां के महंत गोपालगिरि ने इस जगह के तालाब की खुदाई करवाई थी।इस खुदाई से प्राप्त तोमर कालीन खंडित मूर्तियां को महंत जी ने गंगा में प्रवाहित करवा दी थी। खुदाई से प्राप्त एक मूर्ति जो खंडित नहीं थी आज भी यहाँ स्थापित है चौधरी कर्मसिंह ने इस तालाबों मरम्मत करवाई थी। इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने में सम्मानीय प्रधान महकदेव सिंह जी का विशेष योगदान रहा है।[2]

Population

Population of Kishanpur according to Census 2011, stood at 6025 (Males : 3260, Females : 2765).[3]

Notable persons

External Links

References



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