Krathakaishika
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Krathakaishika (क्रथकैशिक) was a country in ancient Vidarbha Maharashtra.
Variants
- Krathakaishika (क्रथकैशिक) (AS, p.246)
Origin
History
क्रथकैशिक
विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...क्रथकैशिक (AS, p.246) प्राचीन विदर्भ (महाराष्ट्र) का एक भाग था। महाभारत (2, 14, 21-22) में भी क्रथकैशिकों पर विदर्भराज भीष्मक की विजय का उल्लेख है। संभवत: भीष्मक ने पहली बार क्रथकैशिक देश को अपने राज्य में मिलाया था- 'विद्यावलाद् यो व्यजयत् सपांड्यक्रथकैशिकान् स भक्तो मागधं राजा भीष्मक: परवीरहा'
उपर्युक्त उल्लेख में भीष्मक को जरासंध का मित्र बताया गया है। ये रुक्मिणी के पिता थे। महाकवि कालिदास ने 'रघुवंश' 5, 39 में इंदुमती के विवाह के प्रसंग में विदर्भराज भोज को क्रथकैशिक नरेश कहा है-'अथेश्वरेण क्रथकैशिकानां स्वयंवरार्थस्वसुरिन्दुमत्या: आप्त: कुमारानयनोत्सुकेन भोजेनदूतो रघवेविसृष्ट:।'
यह आधुनिक बरार में है।[2]
In Mahabharata
Krathakaishika (क्रथकैशिकान्) in Mahabharata (II.13.20)
Sabha Parva, Mahabharata/Book II Chapter 13 mentions the Kshatriyas in support of Jarasandha. Krathakaishika (क्रथकैशिकान्) is mentioned in Mahabharata (II.13.20).[3]....Bhishmaka, the mighty king of the Bhojas--the friend of Indra--the slayer of hostile heroes--who governs a fourth part of the world, who by his learning conquered the Pandyas and the Krathakaishikas,...
External links
References
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.246
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 556, परिशिष्ट 'क' |
- ↑ चतुर्युः स महाराज भॊज इन्थ्र सखॊ बली, विद्या वलाद् यॊ व्यजयत् पाण्ड्य क्रथकैशिकान् (II.13.20)