Mahtab Singh Shivran
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Mahtab Singh Shivran (चौधरी महताबसिंह शिवराण), from Panchgaon, Bhiwani was a social worker and freedom fighter in Bhiwani, Haryana and Shekhawati area of Rajasthan . [1]
जाट जन सेवक
ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ...चौधरी महताबसिंह - [पृ.514]: आप बीड डालावास पंचगावा के शिवरान वंश में पैदा हुए हैं। बालिग होने पर लगभग 10 वर्ष तक आर्य समाज भजनोपदेशक का कार्य किया। 1939 में प्रजामंडल में अवैतनिक उपदेशक के रूप में काम किया। जिला दादरी प्रजामंडल के उपप्रधान थे। ढाई वर्ष तक नजरबंद रहे। ढाई वर्ष तक पाबंद रहे। प्रजामंडल के संगठन का कार्य कर रहे हैं। जिला दादरी लोहारू व शेखावाटी में आप जनजागृती का कार्य कर रहे हैं।
जीवन परिचय
स्वतंत्रता सेनानी महताब सिंह - राजा जी: महताब सिंह राजा (श्योराण) का जन्म लगभग 1906-07 में एक साधारण किसान परिवार में तत्कालीन रियासत जींद के गांव पंचगांव तहसील दादरी जिला भिवानी में हुआ था । वे बचपन से ही दबंग प्रवृति के थे व सधारण शिक्षित होते हुए भी सभा पंचायतों में शेर की तरह दहाड़ते थे ।
आप मनसाराम त्यागी के समकालीन साथी थे । स्वतंत्रता से पूर्व प्रजामंडल बनने के पश्चात प्रजामंडल की रीड की हड्डी बन गए थे । आपको इलाके के लोगों ने अपना राजा मान लिया और आप बतौर राजा के जनता के फैसले भी करने लग गए थे इसलिए इलाके के लोगों ने आपको राजा जी की पदवी दी थी । इसके बाद आप राजा जींद की आँखों की किरकिरी बन गए व राजा सबसे अधिक आपसे ही चिढ़ते थे । आपको और महाशय मंशा राम को 4-4 साल की सख्त कैद की सजा दी और अंधेरी कोठरी में रखा जहां मच्छरों पिस्सुओं का साम्राज्य था, न किसी व्यक्ति से मिलने दिया जाता था । इसके बावजूद आप दोनों का मनोबल नहीं टूटा अपितु जेल से बाहर आने पर दुगुने जोश से जन जागरण में लग गए । राजा जी एवं महाशय मंशाराम इलाके के अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी थे । राजा जी का स्वर्गवास लगभग 1985- 86 में हुआ ।
शिव विचार तरंगिणी- लेखक शिवराम आर्य से साभार
लेखक- सुरेंद्र सिंह भालोठिया पुत्र भजनोपदेशक धर्मपाल सिंह भालोठिया जयपुर मो. 9460389546
बाहरी कड़ियाँ
संदर्भ
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.514
- ↑ Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.514
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