Malak Maliya
Malak Maliya (मालक मालिया) is a village in Deogarh tahsil of Rajsamand district in Rajasthan.
Contents
Location
Founders
Jat gotras
History
चाहमान का क्षेत्र या मूल स्थान अहिच्छत्रपुर (नागोर) रहा। चौहामान वंश में वासुदेव ने अहिच्छत्रपुर में शाकम्भरी क्षेत्र (साम्भर) में अपनी सत्ता स्थापित की स्थान नाम के कारण आशापुरा नाम शाकम्भरी माता भी पडा। इसका ही प्रतिरूप है पीपलाज माता। यह मंदिर कितना प्राचीन है यह लिखित तथ्य प्राप्त नही हैं, किन्तु कर्नल टॉड की पुस्तक में उदयपुर के महाराण जयसिह का इस घटना से सम्बंध हैं अत: जयसिह के समय काल से देखे तो सन् 1681 ई. में पिता महाराणा राजसिह की जगह जयसिंह को मेवाड की राज गद्दी पर बैठाया गया। मूल पीपलाज माता बरडो की आराधना हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह देवी माल गोत्र की आराध्य देवी थी। चौहान वंश परम्परा में विट्ठल राव के पुत्र काला राव के उदयपुर के महाराणा जयसिह अनबन होने के कारण गढ़बोर (चारभुजा) का राज छोडना पडा। कुछ समय अज्ञात वास में थे ग्राम भानपा (कनोडा) में अपने माल गोत्र के मामा के यहां रहे. उदयपुर के महाराणा को गुप्तचरों से पता लगने पर उनके मामा के सहयोग से इनको मरवाने की योजना बनाई।
कालाराव को स्वप्न में शाकम्भरी देवी ने दर्शन दिये एवं बताया कि यहां मामा के घर स्थापित मेरी मूर्ती लेकर भाग जाओ, मैं तुम्हारी रक्षा करूगीं। कालाराव ने ऐसा ही किया. उनके मामा व अन्य सैनिक सहायको ने “मालक मालिया” नामक गांव में आकर उन्हे घेरा। देवी मूर्ती के लिये घमासान युद्व हुआ। सिवाय एक व्यक्ति को छोडकर सभी माल गोत्रियों को सेनिक सहायक मारे गये। इसके बाद महाराणा के सैनिको ने कालेटड़ा के पास इन्हे घेरा यहां युद्व हुआ, जैसे तैसे बच कर कालाराव जी वर्तमान मंदिर स्थान पर पहुचे। यहां मौजुद विशाल पीपल वृक्ष खोए में मूर्ती स्थापति कर विश्राम किया। अत: यह शाकम्भरी या आशापुरा माता का प्रतिरूप पीपलाज माता के नाम से प्रसिद्व हुआ। कहते है - तब से देवी माओ से रूठी, बरडो पे टूटी। कालोर, केलवा, केलवाडा, काला गुमान, व कालेटड़ा कालाराव जी के नाम से बसे गांव है।
Population
Notable persons
External links
References
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