Mavikalan
Mavikalan (Mawi Kalan) (मावी कलां) or Chor Mau is a large village in Baraut tahsil in district Baghpat in Uttar Pradesh.
Location
This village is 8 km. south of Aminagar sarai and 25 km. North of Delhi. Pincode of the village is 250606. It is situated 22km away from Baraut town and 31km away from Baghpat city. Mawi Kalan village has got its own gram panchayat. Hazurabad Garhi, [Pura Mahadev]Muzaffarpur Kambala and Hazurabad Garhi are some of the nearby villages.
Origin
The Founders
History
मऊ से चोर मऊ नाम पडने की दासताँ
मऊ से चोर मऊ नाम पडने कि दासताँ: अग्रेंजो का नया-2 उदय व मुगल साम्राज्य का पस्त होता राज 1767 विधवा वोलटर सुमरू जो पहले चावडी बाजार दिल्ली की नगरवधु (आस पास ) जो कही गई बेगम सुमरू की जांगीरदारी। कहते हैं। 1780 के आस पास भयंकर सुखा पडा व अकाल पडा जिससे मऊ ग्राम जिला मेरठ के निवासी लगान देने मे असमर्थ थे। फिर भी उनकी संपति कुर्क करने अपने हाथी पर पहुंची बेगम सुमरू ने अपना कैम्प गाँव के बाहर हिंडन नदी के किनारे लगाया व गाँव में मुनादी करादी कि जो भी लगान नही देगा उसकी संपति कुर्क कर ली जाएगी ।
मऊ गाँव मे उज्जवल / (औजलान) गोत्र के जाट रहते है, सबने मिलकर पंचायत की व आपस में विचार विमर्श किया। उसी रात को बेगम सुमरू जिस हाथी पर बैठकर आई थी कैम्प से हाथी चोरी हो गया। कमाल यह कि कैम्प से बाहर जाने के किसी भी दिशा में रेतीली जमीन पर हाथी के पैर के कोई निशान तक नही। चारों तरफ घना जंगल रेतीली जमीन पर कोई निशान नहीं। काफी दिन गुजर गए और हाथी के साथ-2 बेगम सुमरू का रुतबा भी दांव पर था।
आस पास के गाँव के बासिनदो से पूछा गया और उनहोंने सलाह दी कि मऊ गाँव के लोगों को विश्वास में लेकर सौदा किया जाए। गाँव के प्रमुख-2 लोगों को बुलाया और प्रस्ताव रखा कि अगर आप लोग हांथी ढूंढ कर ला देंगे तो पूरे गांव का लगान नहीं वसूला जाएगा। मऊ गाँव के लोगों ने कहा वो इस शर्त पर पूरी कोशिश करेंगे । और 2 दिनों में हाथी तलाश कर ला दिया। बेगम सुमरू अपने प्यारे हाथी को पाकर बहुत प्रशन्न हुईं व गाँव वासियों का पूरा लगान माफ कर दिया।
तब बेगम ने गाँव वालों को विश्वास में लेकर पूँछा हाथी के कैम्प से बाहर जाने के किसी भी दिशा में पैरों के निशान तो थे नहीं हांथी गया कैसे। गाँव के प्रमुख लोगों ने बताया पल के ऊपर हांथी चलाया (पल मोटे सूत से बनाया गया बडे आकार का तिरपाल) इससे कोई पैर का निशान नही बना। आस पास के गाँव में बात फैल गई व मऊ को आस पास के गाँव के लोग चोर मऊ कहने लगे।
सोभाग्य से मेरा डीएनए भी उसी गाँव का है मेरे 4 पीढी पूर्वज दादा स्वर्गीय जसवंत सिंह का जन्म भी चोर मऊ में हुआ व शादी के कई सालों बाद मेरी पडदादी के अकेली संतान होने के कारण जानी गाँव में आ गये। मगर मुझे कभी भी मऊ जाने का अवसर आजतक नही मिला।
एक और मेरे साथ घटित घटना: जब मैं मेरठ में पढाई कर रहा था तो मेरा पार्टनर जो कि अच्छा दोस्त भी था मुझे अपने गाँव घुमाने ले गया। सुबह-सुबह अपने खेत दिखाने ले गया जो कि हिंडन नदी के किनारे किनारे तक फैले थे। मैंने पूछा नदी के दूसरे किनारे पर पेडों के झरमुट मे गाँव दिखाई दिया। मैंने जिज्ञासा वस पूछ लिया कि यह कौन सा गाँव दिखाई देता है । उसने कहा चोर मऊ। मुझे आश्चर्य हुआ और कहा यह तो मेरे पूर्वजों का गाँव है। उसने कहा चोर मऊ तो बहुत खतरनाक गाँव उसके इलाके का मैंने कहा कैसे तो उसने कहा घर पर उसके दादा जी बताएँगे। उन्होंने बताया कि हमारे गाँव में (रसूलपुर किनोनी जिला मेरठ) जब कोई किसी को सताता है तो वह अपनी लडकी की शादी चौर मऊ में करता है व उनसे अपनी आप बीती साझा कर बदला लेने की प्रार्थना करता हैं। वे उसको न्याय हक दिलाते हैं। मेरा सीना गर्व से चौड़ा होता है और भी कई चोर मऊ की न्याय प्रिय कहावते बताई। मेरा सीना भी गर्व से चौडा होता महसूस हुआ कि में भी एक संघर्ष रत इतिहास के डीएनए से हुॅ।
लेखक: सत्यपाल सिंह ऑन फेसबुक
Jat Gotras
Population
Population of Mawi Kalan according to Census 2011, stood at 4997 (Males: 2729, Females: 2268).[1]
Notable Persons
- Anurag Dodwal - adodwal@yahoo.co.in
- Rajkumar Chaudhary (Ujlayan)- chaudharyc@aol.com
- Vijay Pal Singh Ujjawal -
- Yogesh Dhama MLA Baghpat 2017, 2022
External Links
References
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