Molyasi
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Molyasi (मोल्यासी) is a village in Sikar tahsil and district of Rajasthan.
Location
It is on Sikar-Salasar road near Sewad in Sikar tehsil of Sikar district in Rajasthan. Its population as on 2001 is 2,147.
Jat Gotras
History
रणमल सिंह[1] लिखते हैं कि दिसंबर 1945 को मोल्यासी गाँव में चौधरी दूदाराम नेहरा की ढाणी में प्रजा मण्डल की ओर से किसानों की मीटिंग रखी। इस मीटिंग को नहीं करने की जागीरदारों ने धमकी दी। मैं मोल्यासी पैदल ही जा रहा था। रास्ते में मैंने तासर बड़ी में गुमाना राम मंडीवाल के घर गुड मिला दूध पिया, खाना खाया, क्योंकि मेरे जुकाम हो रखी थी। यहाँ से पैदल मोल्यासी चला और वहाँ सरदाराजी भैरी की ढाणी में पहुंचा। चौधरी ने कहा कि हमारी जमीन मंदिर की है जिसे छुड़वा रहे हैं, अब कोई उपाय नहीं है, अतः गाँव छोडकर बीकानेर वाली में चले जाएंगे। उनका 13 वर्ष का बेटा था, तुलछा राम, उसने कहा, मर भले ही जाएँ परंतु जमीन व गाँव नहीं छोड़ेंगे। मुझे विश्वास हो गया था कि अब देश आजाद होकर रहेगा, क्योंकि नई पीढ़ी में हिम्मत और आत्मबल है। चाँदनी रात में एक तख्ते का मंच बनाकर मीटिंग शुरू की। मीटिंग में लगभग 150 किसान थे। मीटिंग के दौरान जागीरदारों के हथियार लैस 500 हमलावरों ने आक्रमण किया। सभामंच पर भाषण करने के दौरान मेरे ऊपर आक्रमण हुआ, इसमें मेरी नाक क्षतिग्रस्त हो गई एवं सिर में व हाथों पर धारदार हथियारों की चोटें आई। मैं गंभीर रूप से घायल हो गया। इस दौरान कन्हैयालाल जी, कुमार नारायण जी एवं लेखराम कसवाली भी मीटिंग में थे, इन पर भी आक्रमण हुआ। मुझे घायल अवस्था में सीकर के अस्पताल में लाये। मैं अस्पताल में जिस बेड पर था उसके पास वाले बेड पर मोल्यासी गाँव के ठाकुर दुरजनसिंह भी घायल होकर लेटे थे। उनके गले में जनेऊ देखकर मैंने पूछा, महाराज (ब्राह्मण को सम्बोधन) आप यहाँ कैसे? तो उन्होने कहा कि मैं महाराज नहीं, मोल्यासी गाँव का ठाकुर दुरजनसाल सिंह हूँ। क्या विचित्र स्थिति थी, रात को मोल्यासी गाँव में हम आपस में संघर्षरत रहे और सुबह दोनों घायल होकर अस्पताल में बराबर चारपाई पर एक जगह लेटे इलाज करवा रहे थे।
मोल्यासी में गोली चली
राजेन्द्र कसवा [2] ने लेख किया है कि सीकर के मोल्यासी गाँव में चौधरी लेख राम कसवाली ने प्रजामंडल की सभा बुलाई. जब आदमी इकट्ठे हो गए और सभा का समय हो गया तो मोल्यासी के ठाकुरों ने सभा करने का विरोध किया तथा भारी संख्या में हथिया लेकर आये. एकत्रित भीड़ ने हटने से मन कर दिया तो उन पर गोलियां चला दी जिससे लेखराम कसवाली व रिडमल सिंह छर्रे लगने से घायल हो गए. (डॉ. ज्ञानप्रकाश पिलानिया: पृ. 42)
उस समय की परिस्थितियों का वर्णन स्वतंत्रता सेनानी रणमल सिंह ने कुछ यों किया है:
- "मौल्यासी गाँव में 23 दिसंबर 1945 की रात को मीटिंग रखी गयी थी. नेतृत्व देने वालों में किसनसिंह बाटड , मास्टर कन्हैया लाल स्वरूपसर, कुमार नारायण वकील, चन्द्रसिंह बिजारनिया, लालसिंह कुलहरी माधोपुर, लेखराम कसवाली और मैं थे. बदरी नारायण सोढानी को भी आना था, लेकिन वे नहीं पहुँच सके.
- "हम लोग मंच को ठीक कर ही रहे थे कि रात को 10 बजे 50 राजपूत नारे लगाते आये. उनका जय घोष था - करणीमाता की जय. मैं मंच पर खड़ा हो गया. मेरे साथ एक फौजी हनुमान महला भी खड़ा था. हमारे अन्य साथियों ने समझाया कि हमें बिना मीटिंग किये चलना चाहिए. लेकिन मैं नहीं माना. मैं भाषण देना चाहता था लेकिन राजपूतों के शोर के कारण कुछ बोल नहीं पा रहा था. तब मैंने भी जोर-जोर से नारे लगाने शुरू कर दिए - 'भारत माता की जय ! महात्मा गाँधी की जय ! 'ठिठुरती रात में, जब चारों और सन्नाटा बिखरा था, गाँव के चौक में गर्जना हो रही थी.
- "एक राजपूत ने आकर मेरे कान में कहा, "राजपूत सरदारों के पास हथियार हैं. मुकाबला करना ठीक नहीं है. लेकिन मैं रुका नहीं और जोर-जोर से नारे लगाता रहा. इससे मेरा गला भी ख़राब हो गया. तभी एक राजपूत ने मंच पर आकर बर्छी से मुझ पर वार किया. सिर व नाक पर चोट आई (इस चोट के निशान आज भी उनके सिर तथा नाक पर हैं) . मैं बेहोश होकर गिर पड़ा. मुझे सीकर लाया गया और इलाज कराया गया. इसके बाद मैंने विरोध स्वरुप पांच दिन उपवास रखा.
- "मैं तो बच गया लेकिन यह आंकड़े हैं कि सम्पूर्ण शेखावाटी में आन्दोलन के दौरान 117 व्यक्ति मरे थे. इनमें 104 जाट, 8 जाटव, 4 अहीर एवं एक ब्राहमण था. ...."
Population
As per Census-2011 statistics, Molyasi village has the total population of 2482 (of which 1278 are males while 1204 are females).[3]
Notable persons
- चौधरी दूदाराम नेहरा - शेखावाटी किसान आन्दोलन नेता
- Lal Singh Garhwal - J.O., SC &ST Nigam, Sikar, Mob:9414036950
External links
References
- ↑ रणमल सिंह के जीवन पर प्रकाशित पुस्तक - 'शताब्दी पुरुष - रणबंका रणमल सिंह' द्वितीय संस्करण 2015, ISBN 978-81-89681-74-0, पृष्ठ 57, 122
- ↑ राजेन्द्र कसवा: मेरा गाँव मेरा देश वाया शेखावाटी, 2012, पृ. 198-199
- ↑ http://www.census2011.co.in/data/village/81530-molyasi-rajasthan.html
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