Moti Singh Sinsinwar

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Moti Singh Pathena (ठाकुर मोतीसिंह), from Pathena (पथेना), Bharatpur was a Social worker in Rajasthan. [1]

जाट जन सेवक

ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....ठाकुर मोतीसिंह जी - [पृ 23]: "राजा बली ने यज्ञ किए थे स्वर्ग प्राप्त करने के लिए किन्तु हरि ने उन्हें पाताल भेज दिया" जब मैं इस कथा कौन सुनता हूं तो मोती सिंह जी के बारे में भी सही उतरते देखता हूं। मैंने उन्हें काफी निकट से देखा और पढ़ा है। भरतपुर के जाटों में वे किसी से भी कम न रहने वाले कौम परस्त हैं। आप आरंभ में भरतपुर में गौशाला और ग्रासफार्म


[पृ 24]: अफसर रहे थे। महाराजा किशन सिंह के निर्वासन के बाद उन पर भी आपत्तियाँ आई और बाहर चले गए। बाहर से भी उन्होने भरतपुर के जाटों के लिए और भरतपुर राजगद्दी की मान मर्यादा बनाये रखने के लिए जो कुछ बन सकता था वह किया। शाहदरा में महाराजा सूरजमल के चबूतरे पर मेला लगता है वहाँ आप कई वर्ष तक प्रबन्धक रहे। बाहरी जाट लीडरों को भरतपुर की समस्याओं के प्रति आपने सदैव आकर्षित किया। राय बहादुर चौधरी सर छोटूराम का झुकाव भरतपुर की तरफ करने में आपका काफी हाथ था। आपके बड़े भाई कप्तान सुग्रीवसिंह भी भरतपुर के जाटों की तरक्की के कामों में प्रसन्नता से भाग लेते रहे हैं। ठाकुर मोतीसिंह जी की हमेशा पथेना के लोगों के आपसी झगड़ों को मिटाने की इच्छा रही है।

जीवन परिचय

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References


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