Nathu Ram Mahla
Nathu Ram Mahla (1980-2016) - From Dadia, near Rampura Sikar, Sikar,Rajasthan, Martyr at Siachin on 11.4.2016.
नाथूराम महला शहीद हुये
जमीं से 18500 मीटर की ऊंचाई पर सियाचीन ग्लेशियर में बर्फ के पहाड़ों पर खराब मौसम के बीच ऑक्सीजन की कमी के कारण अपना फर्ज निभाते हुए शहीद हुए दादिया रामपुरा के लाडले नाथूराम महला (36) को गुरुवार सुबह ग्रामीणों ने नम आंखों के बीच भारत माता के जयकारों के साथ अंतिम विदाई दी। शहीद नाथूराम को उनके छह वर्षीय बेटे सचिन ने मुखाग्नि दी। इस दौरान गांव के जोहड़े स्थित श्मसान स्थल जयकारों से गूंज उठा।[1]
पूरी होने वाली थी ग्लेशियर ड्यूटी - शहीद की पार्थिव देह के साथ आए सेना के सूबेदार महेन्द्रसिंह ने बताया कि जवानों के इस दल की सियाचीन ग्लेशियर पर 90 दिन की ड्यूटी थी। यह ड्यूटी तीन दिन बाद पूरी होने वाली थी, लेकिन अचानक खराब हुए मौसम के दौरान वहां ऑक्सीजन की कमी के कारण नाथूराम 11 अप्रेल शाम को शहीद हो गए। नाथूराम ने दो साल यूएन मिशन के तहत विदेश में कांगों में भी देश की ओर से राष्ट्रीय राइफल में ड्यूटी दी थी।[2]
हनुमान जयंती पर आने को कहा था: नाथूराम ने 25 दिन पहले घर पर पत्नी संतोष व माता झमरी को फोन पर 22 अप्रेल हनुमान जयंती पर बालाजी के मेले पर आने को कहा था। परिजनों ने बताया कि नाथूराम अगस्त 2015 को घर आया था। गांव के लाडले के शहीद होने पर गांव में गुरुवार को बाजार बंद रहा।[3]
महिलाएं भी शामिल हुई अंतिम यात्रा में : गांव के लाडले के शहीद होने पर गांव में गुरुवार को बाजार बंद रहा। वहीं शहीद की अंतिम यात्रा पर ग्रामीण महिलाओं ने छतों पर खड़े होकर पुष्प वर्षा की। गांव के लाडले को अंतिम विदाई देने में कोईपिछे नहीं रहा। महिलाएं भी अपने लाडले की अंतिम यात्रा में शामिल हुए। काफी संख्या में महिलाएं श्मसान पहुंची और अंतिम विदाई दी।[4]
पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार
सीकर जिले के रींगस क्षेत्र के दादीयाराम पुरा के लाडले शहीद नाथूराम महला का गुरुवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ उसके पैतृक गांव दादीया रामपुरा में अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले शहीद का शव गांव मे पहुंचने पर हजारों की संख्या में एकत्रित ग्रामीणों ने गमगीन माहौल में भारत माता की जय और शहीद नाथूराम अमर रहे के नारों से आसमान गुंजा दिया।[5]
शहीद के शव के साथ आई सेना की टुकड़ी ने पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ शहीद की शव यात्रा निकाली। इस मौके पर जिला कलेक्टर एल एन सोनी, पूर्व मंत्री महादेव खंडेला, एस पी अखिलेश कुमार, सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, पूर्व मंत्री सुभाष महरिया सहित हजारों लोगों ने शहीद के शव पर पुष्पांजली अर्पित कर श्रधांजलि दी। गौरतलब है कि नाथूराम महला का 11 अप्रैल को सियाचिन ग्लेशियर में ड्यूटी के दौरान मौत हो गई थी। शहीद के पांच साल के पुत्र सचिन ने उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी।[6]
संदर्भ
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