Navdeep Singh Bains Martyr
Navdeep Singh Bains (Lt) (08.06.1985 - 20.08.2011), Ashok Chakra, was from Santnagar village in Gurdaspur district of Punjab. He became martyr on 20.08.2011 in Gurej sector of Bandipora district in Jammu and Kashmir fighting with the militants.
लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह बैंस
लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह बैंस
08-06-1985 - 20-08-2011
अशोक चक्र (मरणोपरांत)
यूनिट - 15 मराठा लाइट इंफेट्री
ऑपरेशन रक्षक
लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह बैंस का जन्म 8 जून 1985 को पंजाब के गुरूदासपुर जिले के संतनगर में सूबेदार मेजर सरदार जोगिंदर सिंह बैंस एवं श्रीमती जगतिंदर कौर के परिवार में हुआ था। वह तीसरी पीढ़ी के सैनिक थे। अप्रैल 2010 में CDS परीक्षा उत्तीर्ण कर उन्होंने OTA चैन्नई में प्रवेश प्राप्त किया। 19 मार्च 2011 को OTA से पासिंग आउट के उन्हें भारतीय सेना की मराठा लाइट इंफेट्री रेजिमेंट में कमीशन प्राप्त था।
अगस्त 2011 में लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अपनी बटालियन के साथ जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा जिले के गुरेज सेक्टर के कन्जालवान में ऊंचे स्थान पर तैनात थे। वह घातक प्लाटून के कमांडर थे। 20 अगस्त 2011 की रात उन्हें अपनी यूनिट के क्षेत्र (Area of Responsibility) में आतंकवादियों के एक समूह की घुसपैठ की सूचना प्राप्त हुई। लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह ने त्वरित आतंकवादियों के संभावित मार्ग में घातक प्लाटून को तैनात कर उनपर घात लगाकर आक्रमण (AMBUSH) किया।
दोनों ओर से हुई भीषण गोलीबारी में लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह ने तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया। तभी, उन्होंने चौथे आतंकवादी को अंधाधुंध फायर करते हुए अपनी ओर आते हुए देखा। लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह ने त्वरित अपनी गोलीबारी की दिशा उसकी ओर कर दी। दोनों ओर से हुई गोलीबारी में उनके सिर में गोली लग गई परंतु चौथा आतंकवादी भी मारा गया।
गंभीर घायल होने के उपरांत भी भीषण गोलीबारी के बीच वह अपने घायल साथी विजय गजरे को भी सुरक्षित स्थान पर खींच कर ले आये। अचेत होकर गिरने तक एक चट्टान की भांति वह मोर्चे पर डटे रहे। इस मुठभेड़ में 13 आतंकवादी मारे गए। लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह को हेलिकॉप्टर से श्रीनगर के बेस हॉस्पिटल ले जाया गया परंतु, बीच में ही वह वीरगति को प्राप्त हुये।
लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह को उनके अदम्य साहस, प्रचण्ड वीरता, सौहार्द की भावना एवं सर्वोच्च बलिदान के लिए 26 जनवरी 2012 को महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा मरणोपरांत सम्मान अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।
लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह के बलिदान को भारत में, युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा।
Honour
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References
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