Northumbria

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Great Britain around 800 AD

Northumbria (नार्थम्ब्रिया) was an early medieval Anglo-Saxon kingdom in what is now Northern England and south-east Scotland.

Origin

The name derives from the Old English Norþanhymbre meaning "the people or province north of the Humber",[1] as opposed to the people south of the Humber Estuary.

History

The Anglo-Saxon kingdom of Northumbria was originally two kingdoms divided approximately around the River Tees: Bernicia was to the north of the river and Deira to the south.[2]

Northumbria started to consolidate into one kingdom in the early seventh century, when the two earlier core territories of Deira and Bernicia entered into a dynastic union.

At its height, the kingdom extended from the Humber, Peak District and the River Mersey on the south to the Firth of Forth (now in Scotland) on the north. Northumbria ceased to be an independent kingdom in the mid-tenth century when Deira was conquered by the Danes and formed into the Kingdom of York. The rump Earldom of Bamburgh maintained control of Bernicia for a period of time; however, the area north of the Tweed was eventually absorbed into the medieval Kingdom of Scotland while the portion south of the Tweed was absorbed into the Kingdom of England and formed into the county of Northumberland and County Palatine of Durham.

ब्रिटेन पर जूट्स, सेक्सन्स एंगल्स की विजय (410 ई० से 825 ई०)

दलीप सिंह अहलावत[3] लिखते हैं: जूट्स, सेक्सन्स और एंगल्स लोग जर्मनी की एल्ब नदी के मुहाने और डेन्मार्क के तट पर रहते थे। ये लोग बड़े बहादुर थे तथा लूटमार किया करते थे। ये क्रिश्चियन धर्म के विरोधी थे।

ब्रिटेन से रोमनों के चले जाने के बाद ब्रिटेन के लोग बहुत कमजोर और असहाय थे। इन लोगों पर स्काटलैंड के केल्टिक कबीलों, पिक्ट्स और स्काट्स ने हमला कर दिया। ब्रिटेन निवासियों की इसमें भारी हानि हुई। इनमें इतनी शक्ति न थी कि वे इन हमलों करने वालों को रोक सकें। इसलिए मदद के लिए इन्होंने जूट लोगों को बुलाया। जूट्स ने उसी समय ब्रिटिश सरदार वरटिगर्न के निमन्त्रण को स्वीकार कर लिया। जटलैण्ड से जाटों की एक विशाल सेना अपने जाट नेता हेंगिस्ट और होरसा के नेतृत्व में सन् 449 ई० में केण्ट (Kent) में उतर गई। इन्होंने पिक्ट्स और स्कॉट्स को हराया और वहां से बाहर निकाल दिया। उन्हें भगाने के बाद जाट ब्रिटेन के लोगों के विरुद्ध हो गये और उन्हें पूरी तरह से अपने वश में कर लिया और 472 ई० तक पूरे केण्ट पर अधिकार कर लिया। यहां पर आबाद हो गये। इसके अतिरिक्त जाटों ने अपना निवास व्हिट द्वीप में किया1

जटलैण्ड के जाटों की विजय सुनकर उनके दक्षिणवासी सेक्सन्स तथा एंगल्स भी ललचाये। सर्वप्रथम सेक्सन्स ब्रिटेन में पहुंचे और उन्होंने ऐस्सेक्स, मिडिलसेक्स और वेस्सेक्स नाम से तीन राज्य स्थापित किये। वहां पर इन्होंने कुछ बस्तियां आबाद कर दीं। ब्रिटेन की जनता ने बड़ी वीरता से सेक्सन्स का मुकाबला किया और 520 ई० में मोण्डबेडन ने उन्हें करारी हार दी। इस तरह से


1. आधार लेख - इंगलैण्ड का इतिहास पृ० 16-17, लेखक प्रो० विशनदास; हिस्ट्री ऑफ ब्रिटेन पृ० 21-22, लेखक रामकुमार लूथरा, अनटिक्विटी ऑफ जाट रेस, पृ० 63-66, लेखक: उजागरसिंह माहिल; जाट्स दी ऐन्शन्ट रूलर्ज पृ० 86 लेखक बी० एस० दहिया तथा जाट इतिहास अंग्रेजी पृ० 43, लेखक ले० रामसरूप जून


जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-399


सेक्सन्स का बढ़ना कुछ समय के लिए रुक गया। परन्तु 577 ई० में डियोरहम की लड़ाई में सेक्सन्स ने केब्लिन के नेतृत्व में ब्रिटेन लोगों पर पूरी विजय प्राप्त कर ली तथा उनको अपना दास बनाए रखा। यह कामयाबी जूट्स (जाटों) की सहायता से हुई थी जिसके लिए सेक्सन्स ने उनसे मांग की थी1

अब प्रश्न पैदा होता है कि उन जूट्स (जाटों) का क्या हुआ जिन्होंने हेंगिस्ट और होरसा के नेतृत्व में ब्रिटेन के एक बड़े क्षेत्र पर अधिकार कर लिया था और सेक्सन्स को सहायता देकर उनका ब्रिटेन पर अधिकार करवाया। इसका उत्तर यही हो सकता है कि ब्रिटिश इतिहासकारों ने इनके इतिहास को लिखने में पक्षपात किया है।

सेक्सन्स के बाद एंग्ल्स पहुंचे जो जूट्स और सेक्सन्स की तरह ही लड़ाके तथा लुटेरे थे। सन् 613 ई० में नार्थम्ब्रिया के एंग्ल राजा ने ब्रिटेन पर आक्रमण करके विजय प्राप्त की। इसके बाद इन्हीं एगल्स के नाम पर ब्रिटेन का नाम इंग्लैंड हो गया। ये एंगल्स लोग भी जाट थे जैसा कि पिछले पृष्ठों पर लिखा गया है। इंग्लैंड में रहने वालों को अंग्रेज कहा गया।

एंगल्स लोग संख्या में दूसरों से अधिक थे इसी कारण से ब्रिटेन को एंगल्स की भूमि एवं इंग्लैंड कहा गया। इस तरह से ब्रिटेन पर जूट्स, सेक्सन्स और एंगल्स का अधिकार हो गया। इसी को ब्रिटेन पर अंग्रेजों की जीत कहा जाता है। इन तीनों कबीलों ने अपने अलग-अलग राज्य स्थापित किए। जूट्स ने केण्ट (Kent); सैक्सन्स ने सस्सेक्स (Sussex), एस्सेक्स (Essex), वेसेक्स (Wessex) और एंगल्स ने ईस्ट एंगलिया (East Anglia), मर्शिया (Mercia) और नार्थम्ब्रिया (Northumbria) के राज्य स्थापित किये। ये सातों राज्य सामूहिक रूप से हेपटार्की कहलाते थे। परन्तु ये राज्य स्वतन्त्र नहीं थे। इन सातों में जो शक्तिशाली होता था वह दूसरों का शासक बन जाता था।

ऊपर कहे हुए तीनों कबीले संगठित नहीं थे। नॉरमनों ने जब तक इस देश को नहीं जीता, इंग्लैंड में शक्तिशाली केन्द्रीय राज्य की स्थापना नहीं हो सकी। इन कबीलों ने देश से क्रिश्चियन धर्म और रोमन सभ्यता को मिटा दिया। आधुनिक इंग्लैंड एंग्लो-सैक्सन्स का बनाया हुआ है। आधुनिक अंग्रेज किसी न किसी रूप में इंग्लो-सैक्सन्स के ही वंशज हैं।

अंग्रेज जाति की उत्पत्ति और बनावट के सम्बन्ध में दो प्रतिद्वन्द्वी सिद्धान्त हैं।

  1. पलग्रोव, पियरसन और सेछम आदि प्रवीण मनुष्य रोमन केल्टिक सिद्धान्त को मानते हैं। उनका यह विचार है कि आधुनिक इंग्लैंड में रोमन-केल्टिक रक्त और संस्थाएं मौजूद हैं।
  2. ग्रीन और स्टब्स जैसे दूसरे प्रवीन मनुष्य ट्यूटानिक सिद्धान्त को मानते हैं। उनका यह विचार है कि ट्यूटानिक अर्थात् जूट, एंगल, सैक्सन और डेन लोगों का रक्त और संस्थाएं बहुत कुछ आधुनिक इंग्लैंड में पाई जाती हैं। इन दोनों में से ट्यूटानिक सिद्धान्त अधिक माना जाता

1. आधार लेख - इंग्लैण्ड का इतिहास पृ० 16-17, लेखक प्रो० विशनदास; ए हिस्ट्री ऑफ ब्रिटेन पृ० 21-22, लेखक रामकुमार लूथरा; अनटिक्विटी ऑफ जाट रेस, पृ० 63-66, लेखक: उजागरसिंह माहिल; जाट्स दी ऐन्शन्ट रूलर्ज पृ० 86 लेखक: बी० एस० दहिया तथा जाट इतिहास अंग्रेजी पृ० 43, लेखक ले० रामसरूप जून


जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठान्त-400


है और आमतौर पर यह स्वीकार किया जाता है कि ब्रिटिश जाति मिले-जुले लोगों की जाति है। जिनमें ट्यूटानिक तत्त्व प्रधान है, जबकि केल्टिक तत्त्व भी पश्चिम में और आयरलैंड में बहुत कुछ बचा हुआ है1

इसका सार यह है कि इंगलैंड द्वीपसमूह के मनुष्यों की रगों में आज भी अधिकतर जाट रक्त बह रहा है। क्योंकि केल्टिक आर्य लोग तथा जूट, एंगल, सैक्सन और डेन लोग जाटवंशज थे। आज भी वहां पर अनेक जाटगोत्रों के मनुष्य विद्यमान हैं जो कि धर्म से ईसाई हैं।

References

  1. Bosworth, Joseph (1898). An Anglo-Saxon Dictionary: Based on the Manuscript Collections of the Late Joseph Bosworth. Clarendon Press.p. 725
  2. Rollason, David (25 September 2003). Northumbria, 500-1100: Creation and Destruction of a Kingdom. Cambridge, UK ; New York: Cambridge University Press. ISBN 978-0-521-81335-8.p.44
  3. Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter IV, pp.399-401