Pala Gaon

Pala Gaon (पला गाँव) is village in Kumher tahsil in Bharatpur district in Rajasthan.
Location
It is 21 km away from Bharatpur on Alwar Road.
Founders
- Rawat Jats.
Jat Gotras
- Rawat (100) - Some migrated to Beelauth
- Solanki (3) - Came from Nagla Gopal
Population
The Pala village has population of 1947 of which 1030 are males while 917 are females as per Population Census 2011.[1]
History
अजित सिंह रावत पला के अनुसार पला गाँव भरतपुर से 21 किमी दूर अलवर रोड पर सिथत है । यह एतिहासिक जाट भूमि का गाँव है । यहाँ के जाटों का इतिहास रोचक है । महाराजा सूरजमल के शासन मे हरियाणा के नागर गाँव से 2 रावत भाई पशु चराने आए, जिनका नाम लोका एव त्रिलोका था । जिनमे से त्रिलोका अविवाहित था । पला गांव मे उस समय अहवासी जाति जो कि पंडित बनती है, रहती थी । एक दिन राजा का आदेश आया कि हर गाँव से घी के 5 पीपे लाए जाएँ तो पंडितों ने सोचा कि हमारी गाँव की जमीन पर जाट पशु चरा रहे हैं, हो सके उनसे घी लिया जाए । पंडितों ने जाटों से कहा तो वो बात मान गये । पंडित खुश थे कि जाट पर हमारी बात बड़ी रही । उधर रावत भाई सोच रहे थे कि कोई चाल चले । तो उनको चाल सूझी उनहोने घी के पीपों मे नीचे गोबर और ऊपर घी भरके पला गांव का नाम लिख पंडितो को सौँप दिया । पंडितों ने बगैर देखे घी के पीपे राजा के दरबार मे भेज दिए । सभी पीपों को खोला गया । जब देखा कि कुछ पीपों मे घी कम और गोबर अधिक निकल रहा है तो नाम पढा गया और राजा को सूचना दी कि पला गाँव के पीपों मे मिलावट है तो सूरजमल ने आँखे निकालते हुए कहा कि उन हरामखोर पंडितों को यहाँ बुलाओ । कुछ सैनिक पला गाँव रवाना हुए और पंडितों से पूछताछ की पंडितों ने सारा कसूर जाटों पर थोप दिया । सैनिकों ने रावत जाट भाईयों को राजा के पास हाजिर किया । रावतों ने राजा को बताया कि हम तो हरियाणा से आए जाट हैं पंडितो ने जबरदस्ती हमसे घी वसूल किया और आपको भेजने की बजाय खुद रख लिया और नकली घी यहाँ भेज दिया । बस फिर तो महाराजा ने आदेश दिया कि अहवासियों को पला गाँव से खदेड़ दिया जाए । सैनिकों ने पलक झपकते ही पला गाँव को उजाड दिया । राजा ने कहा कि पला गाँव की सारी जमीन रावत जाटों दे दी जाय और लोका रावत जाट का परिवार वहाँ रहने लगा । लोका के दो लड़के, जिनके बाद में चार लडके हुए एवं एक लडकी की शादी भरतपुर राज परिवार मे की । धीरे-धीरे पला गाँव में दूसरी जातियाँ भी बस गई ।
Notable persons
- आजादी के समय चौ.समपत सिंह एक प्रकार से पला के सरदार थे । लोकतांत्रिक शासन जबसे चला और आज तक पंचायत का सरपंच रावत जाट हुए है ।
- 80 वर्षीय प्यारे सिंह जो कि 60-70 के दशक मे सरपंच रहे ने गाँव मे 5 वीं तक विद्यालय, पानी की सुविधा सुलभ की और आज भी मार्गदर्शन दे रहे हैं । इनके पिता सुखराम जी ने सवतंत्रता मे भी भाग लिया था । ये भरतपुर राज मे हवलदार थे । इनके छोटे पुत्र बलदेव सिंह, उदय सिंह ने भारतीय फौज मे सेवा की व पड़पौत्र सुरजीत सिंह, पौत्र हरभान सिंह भी भारतीय सेना में सेवारत हैं ।
- रामसरुप भगत जी, बी. ए. पास 60 वर्षीय, जो कि हमेशा सामाजिक काम करते रहते हैं ।
- श्री हरिसिंह रावत जयपुर रहते हैं जो कि आल राज. को-औपरेटिव बैंक के अधयक्ष रह चुके है । पूरन सैकेट्री जी के 3 लडके भारतीय सेना में एवं भतीजा वीरेन्द्र डॉक्टर है । गाँव में 10 घर चौथे हिस्से के है जिनको चौ. कहते हैं नतथीराम, धूप सिंह, प्यारे सिंह, जीवन राम, फतेसिंह, महेनद्र सिह अब तक सरपंच रहे है । क्षेत्र मे रावतों की अलग ही पहचान है । बनबारी, हरिओम, कलुआ, र्दब सिंह, गंभीर, चंद्रभान, पूना, दिलीप आदि युवक भारतीय सेना में है । रामस्वरूप जी के 3 लड़के अध्यापक है । पैसे की कोई कमी नहीं है । 300 बीघा जमीन क्षेत्र मे हवाई पटटी बन रही है । जिसका नाम वीर शहीद रावत कानहा जाट विद्यालय नाम भी रखा गया है । आज पला में 100 घर रावतों के हैं बाकि दूसरी जातियाँ है । पला गाँव ग्राम पंचायत मुखालय व डाक घर भी है । बीलौठ गाँव के रावत पला के ही रहने वाले थे पहले । लगभग सभी जाट युवा शिक्षित व जागरुक हैँ । (जय जाट कानहा बाबा अमर रहे)
External links
References
Back to Jat Villages