Panchagauda

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(Redirected from Panchabharata)
Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Panchagauda (पंचगौड) refers to five provinces of Aryavarta, also called Panchabharata, which include - 1. Sarasvata or Punjab, 2. Panchala or Kanyakubja (Kannauja), 3. Gauda or Bengal, 4. Mithila or Darbhanga (Bihar), and 5. Utkala or Odisha. [1] Panchagauda is one of the two major groupings of Brahmins in Hinduism, of which the other is Pancha-Dravida.

Origin

Variants

History

In Rajatarangini

According to Kalhana's Rajatarangini (c. 12th century CE), the Pancha Gauda group includes the following five Brahmin communities, which according to the text, reside to the north of the Vindhyas:[2][3]

1.Gauda, 2. Kanyakubja, 3. Maithil, 4. Utkala, 5. Saraswat

The Sahyadrikhanda, considered a part of the Skanda Purana, also mentions the above classification.[4]

सारस्वत

पंचगौड

विजयेन्द्र कुमार माथुर[6] ने लेख किया है ...पंचगौड़ (AS, p.512) : बंगाल की मध्ययुगीन परम्परा में (12वीं शती ई. तथा तत्पश्चात्) उत्तरी भारत या आर्यावर्त के पाँच मुख्य प्रदेशों को पंचगौड़ या 'पंचभारत' नाम से अभिहित किया जाता था। ये पाँच प्रदेश थे-- 1. सारस्वत या पंजाब (सरस्वती नदी का तटवर्ती प्रदेश), 2. पंचाल या कान्यकुब्ज (कन्नौज), 3. गौड़ या बंगाल, 4. मिथिला या दरभंगा (बिहार), और 5. उत्कल या [उड़ीसा

इन पांचों प्रदेशों की संस्कृति में बहुत कुछ समानता पाई जाती थीं। इनमें परस्पर विचारों के आदान-प्रदान के फलस्वरूप ही बंगाल के प्राचीन काव्य को सामूहिक रूप से 'पांचाली' अर्थात् कान्यकुब्ज देश से संबंधित, कहा जाता था और पंजाब के 'शक संवत' का प्रचार बंगाल में हुआ। यह भी पुरानी अनुश्रुति है कि कान्यकुब्ज (पंचाल) से बुलाए हुए विद्वान् ब्राह्मण और कायस्थ गौड़ गए थे, जहाँ जाकर उन्होंने बंगाल की संस्कृति को आर्य देश की संस्कृति से अनुप्राणित किया और वर्तमान बंगाल के कुलीन ब्राह्मण तथा कायस्थ इन्हीं कान्यकुब्ज ब्राह्मणों की संतान माने जाते हैं। (दे. दिनेश चंद्र सेन हिस्ट्री ऑफ़ बंगाली लिटरेचर) इसी प्रकार से मिथिला के न्याय दर्शन का पठन-पाठन नवद्वीप या नदिया (बंगाल) में पहुँच कर फूला-फला और उड़ीसा से तो बंगाल का सदा से अभिन्न संबंध रहा ही है।

External links

References

  1. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.512
  2. James G. Lochtefeld (2002). The Illustrated Encyclopedia of Hinduism: N-Z. Rosen. p. 491. ISBN 9780823931804.
  3. D. Shyam Babu and Ravindra S. Khare, ed. (2011). Caste in Life: Experiencing Inequalities. Pearson Education India. p. 168. ISBN 9788131754399.
  4. Shree Scanda Puran (Sayadri Khandha) -Ed. Dr. Jarson D. Kunha, Marathi version Ed. By Gajanan shastri Gaytonde, published by Shree Katyani Publication, Mumbai
  5. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.956
  6. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.512