Pandreu Teeba
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Pandreu Teeba (पण्डरेउ टीबा) is a medium-size village in Taranagar tahsil of Churu district in Rajasthan.
Location
Pandreu Teeba is located at a distance of 15 km from Taranagar in north direction.
Jat Gotras
Population
According to Census-2011 information:
- With total 343 families residing, Pandreu Teeba village has the population of 1798 (of which 951 are males while 847 are females).[1]
History
पण्डरेउ टीबा और पण्डरेउ ताल गाँव आस-पास ही बसे हैं। आज से 500 वर्ष पूर्व एक ही गाँव था। उस समय इसका नाम पण्डरेउ था। पण्डरेउ ताल में गोसवामियों-गौसाईयों की समाधि बनी हुई है। जन चर्चा है कि समाधियों को घेरे हुए कभी यहाँ बड़ा मठ था। जाट कीर्ति संस्थान चूरू ने इसकी खोज करने का कार्य किया है। कहते है कि विक्रमी संवत 1400 (1343 ई.) के लगभग में एक रमता साधू यहाँ आया था और उसने खेजडी के एक केलिये पर अपनी झोली तथा कमंडल टांगी थी और उस पर भगवां धजा बांधी थी। इस धजा के स्थान से पश्चिम में एक कोस पर पण्डरेउ गाँव था। धजा लगाने वाले साधू का नाम जगजीवननाथ था। इनके गुरूजी का नाम रिधिनाथ जी था। ये सारण जाट हिसार के बालक गाँव के थे। इनके मामाजी का नाम भागमल चौधरी था। रिधिनाथ जी ने इलाहबाद त्रिवेणी पर कठोर तप किया था। इन्होने कुम्भ मेले पर 360 चेलों को मूंडा था। धजा लगाने वाले साधू जगजीवननाथ गिरी ने विक्रम संवत 1415 में मठ की नींव रखी थी। इस मठ की कीर्ति उस समय श्रीपंचजूना जगजीवननाथ गिरी अखाडा के रूप में सबसे ऊपर थी।
श्री जगजीवननाथ से 15 तक की गद्दियों के साधू फक्कड़/नागा तथा अगृहस्थ थे। 15 तक की नामावली विक्रम संवत 2035 (1978 ई.) की बरसात में नष्ट हो गयी। तत्पश्चात 16 वीं गद्दीधारी सुरतानगिरी जी हुए जो कालीरावण जाट थे। ये गृहस्थ साधू थे। 17 वीं गद्दी पर जोधनाथ गिरी कालीरावण जाट से वर्धित गोस्वामी परिवार अब भी समाधि स्थल के पास ही बसे हैं। ये साधू जोशीमठ संप्रदाय से माने जाते हैं। ये बद्रीक आश्रम से थे।
यहाँ पर जगजीवननाथ गिरी तथा भगवाननाथ गिरी एवं कुछ अन्य साधुओं ने जीवित समाधि ली थी। यहाँ लगभग बीस से अधिक फक्कड़ साधुओं की समाधियाँ रही हैं। यह मठ गढ़नुमा था। चार दिवारी का रद्दा 3-4 हाथ चौडाई वाला था। इन मठ के भवनों के अवशेष अब भी ग्रामीणों को मकान निर्माण के समय मिलते हैं। मठ के अधीन 4500 बीघा रकबा था और यह खालसा गाँव था। प्राय:प्राय: जाट जाति के ही साधू यहाँ गद्दी पर बैठे थे।
श्री दाऊ कस्वां तथा रेवन्त नाई (दाऊ का सहयोगी) ने मठ के पास पन्डरेउ ताल गाँव बसाया था।
बांय ठाकुर से तकरार: बांय के ठाकुर एक बार महंतजी से मिलाप करने मठ में आये तथा आते ही महंत जी के आसन पर बैठ गए। तब उन्होंने कहा कि गृहस्थियों को साधू आसन पर बैठना जोगता नहीं है। ठाकुर तकरार कर के गुस्से में बांय चला गया। कुछ समय बाद महंतजी को बांय आने को न्योता दिया। ठाकुर के आदमियों ने बांय पहुँचने से पहले ही महंतजी की हत्या कर दी और मठ को लूटा और तोड़-फोड़ कर दी। मठ के मुख्यद्वार के किवाड़ उतार कर ले गए जो आज भी बांय गढ़ के पोळ (दरवाजे) पर लगे हैं। यह घटना 300 वर्ष पूर्व फक्कड़ साधुओं के समय की है। ठाकुर ने मठ के रकबे पर लगान की सोची तब किसी चारण ने दोहा कहा था -
- खारो पाणी आक जल, जठै दाऊड़ो जाट
- ठाकरा कै करस्या बठै, बसै माड़ा काछ। राख लपट
श्रोत: जगमाल सिंह सांसी : उद्देश्य:जाट कीर्ति संस्थान चूरू द्वारा आयोजित सर्व समाज बौधिक एवं प्रतिभा सम्मान समारोह, स्मारिका जून 2013,p.147-148
Notable persons
- Kundan Mal Babal - social worker
- Rakesh Kumar Kaswan - Date of Birth : 25-May-1980, Software Engineer, VPO Pandreu Tiba, Teh: Taranagar, Distt: Churu, Email Address : rakeshkumar25@yahoo.com
- Amar Singh Dhanewa - Adhyaksh Panderu Tibba Sahakari Samiti.[2]
- Ram Kumar Kaswan - Major, Sanik Kalyan Adhikari Churu.
Gallery
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पण्डरेउ टीबा गाँव में 12.7.2013 को मोहन लाल कसवा द्वारा पत्नी की स्मृति में माध्यमिक विद्यालय के मुख द्वार पर निर्मित गेट का लोकार्पण श्रीमती कमला कस्वा द्वारा किया गया
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पण्डरेउ टीबा गाँव में 12.7.2013 को मेजर राम कुवार कसवा द्वारा कन्या उच्च प्राथमिमिक विद्यालय में निर्मित ट्यूब वेल का लोकार्पण श्रीमती कमला कस्वा द्वारा किया गया
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Kundan Mal Babal, Pandreu Tiba
External links
References
- ↑ http://www.census2011.co.in/data/village/69979-pandreu-teeba-rajasthan.html
- ↑ Dharati Putra: Jat Baudhik evam Pratibha Samman Samaroh Sahwa, Smarika 30 December 2012, by Jat Kirti Sansthan Churu, p.55
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