Parenda
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Parenda (परेंदा) is site of a fort in Osmanabad district of Maharashtra.
Origin
Variants
History
Parenda: The fort, erected by Mahmud Gawan, the celebrated Bahmani minister, contains several large guns mounted on bastions. Parenda was the capital of the Nizam Shahis for a short time after the capture of Ahmadnagar by the Moghuls in 1605. It was besieged unsuccessfully by Shah Jahan’s general in 1630. It was, however, reduced by Aurangzeb during his viceroyalty of the Deccan. The fortifications are in good order, but the old town is in ruins. Numerous ruins in the neighbourhood testify to the former populousness of the place. [1]
परेंदा
विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ... परेंदा (AS, p.533) महाराष्ट्र के उस्मानाबाद ज़िले में स्थित एक नगर है। परेंदा में बहमनी राज्य के प्रसिद्ध बुद्धिमान मंत्री महमूद गवाँ का बनवाया हुआ क़िला मुख्य ऐतिहासिक स्मारक है। इसमें कई बड़ी-बड़ी तोपें रखी हुई हैं। 1605 ई. में मुग़लों का अहमदनगर पर अधिकार होने के पश्चात् निज़ामशाही सुल्तानों ने अपनी राजधानी यहाँ बनाई। तत्पश्चात् बीजापुर के सुल्तान आदिलश ने इस पर अधिकार कर लिया। 1630 ई. में शाहजहाँ ने परेंदा को अपने घेर में लिया लेकिन औरंगजेब ने अपनी दक्षिण की सूबेदारी के समय इस पर पूर्ण रूप से अधिकार कर लिया। परेंदा का क़िला तो अच्छी दशा में है, किंतु पुराना नगर अब खंडहर हो गया है। खंडहरों का विस्तार देखते हुए जान पड़ता है कि प्राचीन समय में यह नगर काफ़ी लम्बा-चौड़ा रहा होगा। संभवत: बताएं परेंदा का उल्लेख शिवाजी के राजकवि भूषण ने शिवराजभूषण 214 में परेझा के रूप में किया है-- 'बेदर कल्याण दे परेझा आदि कोट साहि एदिल गँवाये निज सीस को'. यह किला बीजापुर के सुल्तान आदिलशाह से शिवाजी ने छीन लिया था. इस तथ्य का वर्णन भूषण ने किया है (एदिल=आदिलशाह)