Prabhakaravarsha
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Prabhakaravarsha (प्रभाकरवर्ष) was the part or Varsha of Kushadvipa known so in the name of son of Jyotishman.
Origin
Variants
- Prabhakaravarsha (प्रभाकरवर्ष) (AS, p.584)
History
प्रभाकरवर्ष
प्रभाकर (AS, p.584) विष्णु-पुराण 2,4,36 के अनुसार कुशद्वीप का एक भाग या वर्ष जो इस द्वीप के राजा ज्योतिष्मान के पुत्र के नाम पर प्रसिद्ध है. [1]
जाट इतिहास
ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है... आर्यों का कौन-सा समूह कहां बसा? इस प्रश्न को हल करने के लिए पुराणोक्त इतिहास हमें बहुत सहायता देता है। पृथ्वी को पुराणों ने सात द्वीपों में विभाजित किया है और प्रत्येक द्वीप को सात वर्षों (देशों) में।3 यह बटवारा स्वयम्भू मनु के पुत्र प्रियव्रत ने अपने पुत्रों में किया है। प्रियव्रत के दस पुत्र थे4 जिनमें से तीन तपस्वी हो गये। सात को उन्होंने कुल पृथ्वी बांट दी। प्रत्येक के बट में जो हिस्सा आया, वह द्वीप कहलाया। आगे चलकर इन सात पुत्रों के जो सन्तानें हुई उनके बटवारे में जो भूमि-भाग आया, वह वर्ष या आवर्त (देश) कहलाया। निम्न विवरण से यह बात भली भांति समझ में आ जाती है -
द्वीप - 1. जम्बू, 2. शाल्मली, 3. कुश, 4. क्रौंच, 5. शाक, 6. पुष्कर, 7. प्लखण ।
- 3. पुष्कर द्वीप दो देशों (वर्षों) में ही विभाजित है और जम्मू द्वीप 9 वर्षों में
- 4. दस पुत्र दूसरी रानी के भी थे
जाट इतिहास:ठाकुर देशराज,पृष्ठान्त-3
अधिकारी - 1. अग्निध्र, 2. वपुष्मान, 3. ज्योतिष्मान, 4. द्युतिमान, 5. भव्य, 6. सवन, 7. मेधातिथि।