Prem Kumar Saharan

From Jatland Wiki
Jump to navigation Jump to search
Prem Kumar Saharan

Prem Kumar Saharan from Sahar, Baytoo, Barmer, Rajasthan became martyr of cross border firing at Nausera in Jammu and Kashmir on 8.11.2016.

पारिवारिक परिचय

शहीद प्रेमसिंह सारण का जन्म बाड़मेर जिले के बायतु उपखण्ड तहसील गिड़ा के गाँव शहर मेँ 10 जनवरी 1990 को पिता श्री कुम्भाराम जी के घर माता श्रीमति पेम्पोदेवी की कोख से हुआ । आप तीन भाईयो में सबसे छोटे भाई थे, सबसे बड़े भाई चेतनराम ड्राइवरींग करते थे, दुर्भाग्यवंश सड़क दुर्घाटना मे उनका देहान्त हो गया, दुसरे भाई लालाराम जी सेना (MES) जोधपुर मे सेवा दे रहे है । आपका विवाह रतेऊ निवासी रैना चौधरी के साथ अप्रेल 2013 सम्पन्न हुआ ।

शिक्षा

शहीद प्रेमसिंह सारण ने द्वितीय वर्ष तक शिक्षा ग्रहण की थी । राजकीय प्राथमिक विधालय,शहर से उच्च प्राथमिक शिक्षा ली तत्पश्चात ग्राम रतेऊ से 10वीं तक पढे । कक्षा 11-12 की शिक्षा आपने सवाऊ पदमसिंह से ली । आपने MDSU विश्वविधालय, अजमेर से प्रथम वर्ष किया इस दौरान आपका चयन भारतीय सेना में हो गया ।

सेना में चयन

अध्यापन काल के दौरान ही आपने सेना मेँ जाकर भारत माँ की सेवा करने को अपना लक्ष्य बना लिया । 12वीं तक शिक्षा करने के पश्चात आप सेना मेँ चयन हेतु जी-तोड़ मेहनत करने लगे और इस तरह वर्ष अक्टुम्बर 2011 में आपका चयन भारतीय सेना में AMC कलर्क पर सिपाही के रूप मेँ हुआ । आपकी ट्रेनिंग लखनऊ मे हुई , आपकी पहली पोस्टींग झांसी में मेडिकल क्षैत्र में हुई । दुसरी पोस्टिंग जम्मु के नौसेरा सेक्टर मे हुई ।

देशसेवा में बलिदान

वर्ष 5 नवम्बर 2016 में आप छुट्टी काट कर माता-पिता और धर्मपत्नी से जल्द वापस आने का वादा करके जम्मु के नौसेरा सैक्टर में देश सेवा के लिए रवाना हो गये । 7 नवम्बर 2016 को जम्मु मे 54 RR बटालियन में जोईनिंग करके 08 नवम्बर 2016 की सुबह अपनी पोस्ट पर सेवा देने निकल गये, अपनी पोस्ट से थोड़े दुर रहे ही थे कि पाकिस्तानी सेना ने सीमा पर गोलीबारी शुरु कर दी, शहीद प्रेमसिंह और साथीयो ने डटकर बीच रास्ते मे ही दुश्मनो से लौहा लेना शुरु कर दिया, दुर्भाग्यवंश दुश्मन की एक गोली जांबाज प्रेमसिंह के सिर में आकर लग गई और भारत भुमि का लाल सदा सदा के लिए चिरनिंद्रा मे सो गया ।

शहीद का अंतिम संस्कार

दिनांक 10 नवम्बर 2016 को प्रात: 10:00 बजे शहीद प्रेमसिंह का शव उनके पैतृक गांव शहर (बायतु) लाया गया । समस्त ग्रामवासियों की आँखे इस बेटे का मुख देखकर छलछला उठी । शहीद के अंतिम संस्कार में हजारों की तादाद में लोग इक्कठे हुए । बाड़मेर जिले के पदाधिकारी, राजनितिक शख्सियतों ने अंतिम यात्रा में सम्मिलित हो शहीद को विदाई दी ।

समाचार पत्रों से

Ref - Bhaskar News, Nov 10, 2016

बाड़मेर. पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर में भारतीय सीमा चौकियों पर गोलाबारी में बाड़मेर जिले का सपूत प्रेमसिंह भी शहीद हुआ है । प्रेमसिंह नोसरा सेक्टर में मंगलवार रात हुए गोलीबारी में शहीद हुए । उनके साथ एक अन्य जवान भी शहीद हुआ था । इस बीच, बुधवार शाम को कुपवाड़ा जिले के मछेल सेक्टर में पाक ने स्नाइपर फायर किया । इसमें भारतीय चौकी पर तैनात एक जवान की मौत हो गई । 08 नवंबर 2016 (मंगलवार) को शहीद हुवे प्रेमसिंह बाड़मेर में बायतू तहसील के शहर गांव के रहने वाले थे । वे दीपावली की छुट्‌टी बिताने के बाद 7 नवंबर को ड्यूटी पर पहुंचे थे । उनकी शादी तीन साल पहले ही हुई थी । अभी तक कोई संतान नहीं है । शहीद का पार्थिव शरीर गुरुवार को दिल्ली से वायुयान द्वारा आएगा ।

  • शहादत से तीन दिन पहले घर पर दोस्तों को कहा था फौजी देश के लिए जीते हैं वापिस आऊंगा या नहीं और हो गए शहीद ।

जम्मू के नोसेरा सेक्टर में पाक की तरफ से की गई फायरिंग में बाड़मेर जिले के बायतु क्षेत्र के शहर गांव के प्रेमसिंह (26) पुत्र कुंभाराम जाट शहीद हो गए । मंगलवार रात में पाक सेना ने भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर गोलीबारी की, इसमें देश के दो जवान शहीद हुए । इसमें एक हरियाणा का और दूसरा बाड़मेर का प्रेमसिंह है । गुरुवार को शहीद प्रेमसिंह की पार्थिव देह बाड़मेर पहुंचेगी । दिवाली पर 10 दिन के अवकाश पर प्रेमसिंह शहर गांव स्थित अपने घर आए थे । दस दिन का अवकाश पूरा होने के बाद ड्यूटी पर जाने के दौरान 5 नवंबर को परिजनों अौर दोस्तों ने पूछा था कि वापस कब आएंगे? तब प्रेमसिंह ने जवाब दिया कि हम फौजी है, कब देश की रक्षा करते हुए शहीद हो जाएं । शहादत से तीन दिन पहले प्रेमसिंह ने घर आए गांव में बचपन के दोस्तों को बताया था कि जम्मू कश्मीर में एलओसी पर हालात खराब है, दुश्मन रात के अंधेरे में हमला करते हैं, लेकिन इस बार पाक को सबक सिखाएंगे । पाक सैनिक छिपकर हमला करते हैं, सामने से वार करने की उनकी औकात नहीं है ।

प्रेमसिंह वर्ष 2010 में सेना में भर्ती हुए थे । वर्ष 2013 में शादी हुई, पत्नी जोधपुर में बीएड कर रही है । प्रेमसिंह के शहीद होने से पूरे गांव में शोक की लहर छा गई । इससे पहले 25 मई 2015 को जम्मू कश्मीर के यारीपुरा सेक्टर में तारातरा निवासी धर्माराम जाट शहीद हुए थे ।

एक ही परिवार के चार सदस्य सेना में : पिता कुंभाराम के दो पुत्र प्रेमसिंह और लालाराम सेना में थे । इनमें प्रेमसिंह शहीद हो गया, जबकि लालाराम एयरफोर्स जोधपुर में कार्यरत है । वहीं प्रेमसिंह के चचेरे भाई मोटाराम के दो पुत्र चैनसिंह और गोरधनराम भी सेना में है ।

  • शहादत की रिश्तेदारों ने नहीं दी माता-पिता और पत्नी को सूचना

शहादत से तीन दिन पहले घर से हंसते खिलखिलाते वतन की रक्षार्थ ड्यूटी पर गए प्रेमसिंह के शहादत की सूचना प्रशासन और रिश्तेदारों ने उनके माता-पिता और पत्नी को नहीं दी । बुधवार रात तक किसी परिजन को यह खबर नहीं दी गई कि उनका लाडला अब इस दुनिया में नहीं है । हालांकि एसडीएम हेतराम चौहान और तहसीलदार अजय चारण गांव पहुंचे, लेकिन उनके परिजनों और घर से दूर रहे । गांव के सरपंच व अन्य जनप्रतिनिधियों को यह सूचना दी गई । शहीद प्रेमसिंह के पिता कुंभाराम ने 21 साल पहले सबसे बड़े बेटे चेतनराम को 21 मई 1995 को सड़क दुर्घटना में खो दिया था । प्रेमसिंह की शादी तीन साल पहले हुई थी । पत्नी रैना जोधपुर से बीएड की तैयारी कर रही है ।

लेखक

शहीद की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टी

शहीद प्रेम सिंह सारण की अंत्येष्टी में सचिन पायलट

बाड़मेर, 10 नवम्बर (वार्ता) राजस्थान के बाड़मेर जिले के बायतू तहसील के शहर गांव में आज शहीद प्रेम सिंह सारण की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टी की गई । पुलिस सूत्रों के अनुसार शहीद की अंत्येष्टी में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट एवं राजस्थान सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजोर सहित काफी संख्या में ग्रामीणों ने नम आंखो सेे अपने लाडले को अंतिम विदाई दी । जम्मू कश्मीर के नौसेरा सेक्टर में गत दिनों पाकिस्तान की ओर से हुई गोलाबारी में प्रेम सिंह शहीद हो गया था और शहीद का शव आज ही सेना के अधिकारी एवं जवान लेकर पहुंचे थें ।

Read more at http://www.univarta.com/news/states/story/682322.html#rZp03VQ5czSPFzcD.99

References

Back to The Martyrs