Prithvi Singh Jhajharia

Prithvi Singh Jhajharia became martyr on 30.11.2000 due to adverse climatic condition and Avalanche in Jammu and Kashmir while his unit was fighting with militants. He was from Bhamarwasi (now called Mohanpur) village in Chirawa tahsil in Jhunjhunu district of Rajasthan. Unit - 34 Rashtriya Rifles/17 Jat Regiment
हवलदार पृथ्वी सिंह झाझड़िया
हवलदार पृथ्वी सिंह झाझड़िया
सर्विस नं - 3177133
वीरांगना - श्रीमती सुशीला देवी
यूनिट - 34 राष्ट्रीय राइफल्स/17 जाट रेजिमेंट
आतंकवाद विरोधी अभियान
हवलदार पृथ्वी सिंह का जन्म राजस्थान के झुंझुनूं जिले की चिड़ावा तहसील के मोहनपुर (भामरवासी) गांव में श्री चंदगीराम झाझड़िया के घर में हुआ था। शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात वह भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 17 जाट बटालियन में सिपाही के पद पर नियुक्त किया गया था।
अपनी बटालियन में भिन्न-भिन्न परिचालन परिस्थितियों और स्थानों पर सेवाएं देते हुए वह हवलदार के पद पर पदोन्नत हो गए थे। वर्ष 2000 में वह प्रतिनियुक्ति पर जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद विरोधी अभियानों में 34 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के साथ संलग्न थे और श्रीनगर में तैनात थे।
30 नवंबर 2000 को जलवायु की घोर विषम परिस्थितियों और कठिन भूभाग में अपना कर्तव्य निर्वहन करते हुए हिमस्खलन से हिम में दब जाने से वह वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
शहीद को सम्मान
गांव में इनका स्मारक निर्मित किया गया है। राज्य सरकार द्वारा इनके सम्मान में गांव के राजकीय विद्यालय का नाम 'शहीद हवलदार पृथ्वी सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, मोहनपुर' किया गया है।
बाहरी कड़ियाँ
गैलरी
संदर्भ
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