Pushkar Singh Solanki

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Pushkar Singh Solanki (कुँवर पुष्कर सिंह) from Bharatpur was a Social worker in Rajasthan.[1]

जाट जन सेवक

ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है .... कुंवर पुष्करसिंह - [पृ.45]: भरतपुर में एक जाट हाकिम थे शास्त्री रत्नाकर जी जिनको भरतपुर का प्रत्येक समझदार आदमी सम्मान करता है। और जिन्होंने कभी भी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की कुर्सी पर बैठकर हिंदी लिपि को नहीं छोड़ा। न कभी भी किसी की खुशामद की। उन्हीं रत्नाकर जी जज के भतीजे हैं कुंवर पुष्करसिंह। आप सोलंकी जाट हैं। मैं उनसे बचपन से परिचित हूं। उन्होंने जो भी तरक्की की है नेतिकूल परिस्थितियों में की है। संघर्ष मय उनका जीवन है और यहां उनके जीवन का महत्व है। बचपन से लेकर अब तक आत्मविश्वास पर वे आगे बढ़े हैं। और कुछ समय वे भरतपुर में पब्लिसिटी अफसर रहे हैं। 30 साल के करीब उनकी उम्र है। वह अब तक कई पत्र पत्रिकाओं के संपादक रह चुके हैं। सफल लेखक और वक्ता हैं। मां दुर्गा के के वे परम उपासक और शाक्त धर्म में विश्वास रखने वाले आदमी हैं। उन्होंने जेल यात्रा भी की है।

जीवन परिचय

गैलरी

संदर्भ


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