Raja Vijay Rao
Raja Vijay Rao was a Jat ruler of Rao clan in Bhatinda Punjab.
इतिहास
राजा विजयराव - भटिण्डा क्षेत्र के राजा राव गोत्री जाट जिसने एक बार गजनी को लूटकर नंगा कर दिया था। राव गोत्री जाटों के गांव उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ जिले में हैं। सांगवानों के गांव खेड़ी बत्तर में भी राव जाटों के कुछ घर हैं। [1]
भाटना नामक स्थान पर विजयराव नाम का एक बड़ा वीर राजा राज्य करता था जो कि राजा जयपाल के सम्बन्धियों में से था। उसने सीमा पर जो मुसलमान हाकिम रहते थे, उनको मार भगाया। महमूद इसी का बदला लेने के लिए लगभग सन् 1004 ई० में राजा विजयराव पर चढ़ आया। उस राजा की वीरता और युद्ध के सम्बन्ध में “गजनवी जहाद” में हसन निजामी को विवश होकर लिखना पड़ा कि - “राजा अपनी फौज और हाथियों की अधिकता के कारण बहुत अभिमान करता था। वह फौज लेकर मुक़ाबले के लिए आया। दोनों फौजों में तीन दिन तक अग्निवर्षा होती रही। विजयराव की फौज ऐसी वीरता और साहस से लड़ी कि इस्लामियों के छक्के छूट गये।” इस युद्ध में महमूद को अपनी भुजाओं के बल का विश्वास छोड़कर दरगाह में खुदा और रसूल के आगे घुटने टेकने पड़े। बेचारे की दाढ़ी पर मिन्नत के समय टप-टप आंसू गिरते थे। गजनी उसे बहुत दूर दिखाई देती थी। विजयराव युद्ध करता हुआ वीरगति को प्राप्त हुआ।[2]
External links
References
- ↑ Asli Lutere Koun/Part-I,p.62
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter VI (Page 562)
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