Roru
Roru or Roroo (रोरू) is a village in Laxmangarh tehsil in Sikar district in Rajasthan. There two villages after Roru named:
Roru Bari (रोरू बड़ी)
Roru Badi has 400 families out of them:
Other caste families are: Shekhawat Rajputs (150), Brahman (50), Nai (40), Swami (2), Gujar (7), Naik (5), Balai (30)
Population -As per Census-2011 statistics, Roroo Bari village has the total population of 2284 (of which 1165 are males while 1119 are females).[1]
Roru Chhoti (रोरू छोटी)
Jat Gotras in Roru Chhoti
Population - The Roroo Chhoti village has population of 1222 of which 636 are males while 586 are females as per Population Census 2011.
History
शेखावाटी किसान आन्दोलन के दौरान सन 1935 में अंग्रेज अफसर वेब और जागीरदारों द्वारा अन्यायों का ताँता बंध गया था. भूमा गाँव से औरतों का जेवर तक उतरवा लिया और गाँव से लगान के अलावा भारी जुर्माना वसूल किया गया. रोरू गाँव से 200 रुपये जुर्माना का वसूल किया गया. और वहां मास्टर को भी पकड़ कर पीटा. कटराथल गाँव की स्कूल को नष्ट कर दिया गया तथा वहां से एक-दो जाटों का लगान बनिए व ब्राह्मणों से लिया गया.
गांवों में सीकर ठिकाने द्वारा तबाही के दृश्य
ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....गांवों में सीकर ठिकाने द्वारा अन्यायों का तांता बन गया और गांवों में जाटों को पीटा जाने लगा।
रोरू गांव से ₹200 जुर्माना वसूल किया और मास्टर को पकड़ लिया।
Notable persons
- R.S. Dhaka - Professor & Head (Retd.), SKN Coll. of Agri., Jobner, Date of Birth : 10-October-1944, Vill. Rorubari, teh. Lachhmangarh, dist sikar, Present Address : 91, Prithviraj Nagar, Maharani Farm , Durgapura, Jaipur,Phone Number : 0141-2761882
- हरदेव सिंह ढाका, जीवन सिंह ढाका व त्रिलोक सिंह ढाका रोरु बड़ी - रणमल सिंह के सहपाठी [3]
External links
- Information about Roroo Bari village - villageinfo.in website
- Information about Roroo Chhoti village - villageinfo.in website
- Villages in the Lachhmangarh tehsil, Sikar district, Rajasthan
References
- ↑ http://www.census2011.co.in/data/village/81322-roroo-bari-rajasthan.html
- ↑ Thakur Deshraj: Jat Jan Sewak, 1949, p.282
- ↑ रणमल सिंह के जीवन पर प्रकाशित पुस्तक - 'शताब्दी पुरुष - रणबंका रणमल सिंह' द्वितीय संस्करण 2015, ISBN 978-81-89681-74-0, पृष्ठ 117
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