Sandhara
Sandhara (संधारा) is an ancient village in Bhanpura tahsil in Mandsaur district in Madhya Pradesh.
Location
Jat gotras
History
It was known as Sundarpur in ancient times and is situated on the confluence of Patali River and Kotha Deh Nala. It is 147 km from Mandsaur and 14 km from Bhanpura in the east direction. PIN code:458775. It is situated 3 km off the road Nimach-Jhalrapatan. [1]
उषा अग्रवाल लिखती हैं कि संधारा या सुन्दरपुर नाम से पुकारा जाने वाला यह गाँव पटली नदी और कोठा देह नाले के संगम पर बसा है. इस गाँव ने अनेक उतार चढाव देखे हैं. ११ वीं शताब्दी में बसा यह क़स्बा १३ वीं शताब्दी में उजड़ गया. १४ वीं शताब्दी में कुछ वैश्य परिवार आकर बसे जिन्होंने इस स्थान को अनाज मण्डी का स्वरूप दिया. इस दौरान यहाँ अनेक भवन और गढ़ियों का निर्माण हुआ. गाँव के प्रमुख चार द्वार और चार उपद्वारों का निर्माण हुआ. [2]
समय-समय पर यह क़स्बा अनेक शासकों के अधीन रहा. कलचुरी , परमार, खिंची शासन में रहकर बाद में मेवाड़, कोटा, जयपुर तथा होलकर स्टेट द्वारा शासित होता रहा. इस कसबे में मुग़ल सम्राट जहाँगीर १६१७ में नूरजहाँ के साथ दो दिन रुका था. यह भी माना जाता है कि विदेशी यात्री ट्रेवेनियर भी इस नगर में आया था. [3]
Notable persons
Population
External links
References
- ↑ Usha Agarwal:Mandsaur Zile Ke Puratatvik samarakon ki paryatan ki drishti se sansadhaniyata - Ek Adhyayan, Chirag Prakashan Udaipur, 2007, p. 49
- ↑ Usha Agarwal:Mandsaur Zile Ke Puratatvik samarakon ki paryatan ki drishti se sansadhaniyata - Ek Adhyayan, Chirag Prakashan Udaipur, 2007, p. 49
- ↑ Usha Agarwal:Mandsaur Zile Ke Puratatvik samarakon ki paryatan ki drishti se sansadhaniyata - Ek Adhyayan, Chirag Prakashan Udaipur, 2007, p. 50
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