Santosh Jakhar
श्रीमती संतोष जाखड़ कारगिल युद्ध के शहीद सिपाही कालू राम जाखड़ की पत्नी हैं. वे जोधपुर जिले के भोपालगढ़ तहसील के गाँव खेड़ी चारणान की रहने वाली हैं. सिपाही कालू राम जाखड़ दिनांक ०४-०७-१९९९ को कारगिल युद्ध में शहीद हो गये. इनकी पत्नी को २५ लाख रुपये का सहायता पैकेज मिला जिससे इन्होने मारवाड़ में शिक्षा के सुधार में लगाने का निर्णय लिया. दान की यह अद्भुत मिशाल है. जयपुर से प्रकाशित दैनिक भास्कर दिनांक १५-८-२००९ का समाचार नीचे उद्धृत है.
मारवाड़ वीरांगना ने लिया अशिक्षा से मोर्चा लेने का संकल्प
पति ने कारगिल में दुश्मन से मोर्चा लेते हुए जान की बाजी लगा दी तो वीरांगना ने शहीद पैकेज में मिले पैसे से अशिक्षा से मोर्चा लेने का मानो संकल्प ही ले लिया.
भोपालगढ़ क्षेत्र के खेड़ी चारणान गाँव के कारगिल शहीद कालूराम की पत्नी संतोष जाखड ने सरकार की और से मिले २५ लाख की सहायता पैकेज को अपने और आस-पास के गांवों में शिक्षा के लिए खर्च करना शुरू कर दिया. संतोष का गोना होने के कुछ ही माह बाद ही पति शहीद हो गए थे. उनके कोई संतान भी नहीं है. हालाँकि संतोष खुद शिक्षित नहीं है, लेकिन शिक्षा के महत्व को उन्होंने भलीभांति पहचान लिया और अब क्षेत्रवासियों के लिए प्रेरणा बनी हुयी हैं.
कोई गाँव में अनपढ़ न रहे
वीरांगना संतोष जाखड का कहना है कि मुझे उनकी सहादत पर पैकेज मिला. इस राशि को जमा करने या अपनी सुविधाओं पर खर्च करने के बजाय मैंने शिक्षा पर खर्च करना बेहतर समझा. शिक्षा का विकास कर अपने पति के बलिदान को चिर स्थाई बनाये रखना ही मेरा सपना है. यह सन्देश छात्रों को देती हूँ. इससे मन को शांति मिलती है.
स्कूलों में बनवाए पांच कमरे
संतोष ने सहायता राशि से दश लाख रुपये खर्च कर राजकिय प्राथमिक विद्यालय खेड़ी चारणान, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बंदियानाडा, राजकीय माध्यमिक विद्यालय बुड़किया और बुड़किया गाँव के मंदिर में पांच हाल और बरामदों का निर्माण करवाया. १५ अगस्त व २६ जनवरी को होने वाले कार्यक्रमों, खेलकूद व अन्य गतिविधियों में प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहने वाले छात्रों का मनोबल बढ़ाने के लिए नकद पुरस्कार भी देती हैं. वे लड़कियों को पढ़ने की शीख देती हैं.
सन्दर्भ
जयपुर से प्रकाशित दैनिक भास्कर दिनांक १५-८-२००९
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