Kalu Ram Jakhar

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Kalu Ram Jakhar

Kalu Ram Jakhar (Sepoy) (12.07.1974 - 04.07.1999) was a martyr of Kargil War from Rajasthan. He was from Village and Post Office - Kheri Charan in Bhopalgarh tahsil of Jodhpur district in Rajasthan. He became martyr on 04-07-99 during Operation Vijay in Kargil war fighting with the enemies. He left behind Smt Santosh Jakhar (Wife) with no issue. The body of the martyr Naik Kalu Ram Jakhar of 17 Jat Regiment arrived on 7 July 1999 at his home town where he was cremated with military honour.[1]

सिपाही कालूराम जाखड़ का जीवन परिचय

"माँ मेरी चिंता मत करना, तेरे बेटे का शिलालेख गांव में लगेगा। तेरे बेटे को एक दिन पूरी दुनिया जानेगी कि वह कैसे दुश्मनों से लड़ा।"

सिपाही कालूराम जाखड़

12-07-1974 - 04-07-1999

वीरांगना - श्रीमती संतोष देवी

यूनिट - 17 जाट रेजिमेंट

ऑपरेशन विजय

कारगिल युद्ध 1999

सिपाही कालूराम जाखड़ का जन्म 12 जुलाई 1974 को राजस्थान के जोधपुर जिले की भोपालगढ़ तहसील के खेड़ी चारणान गांव में श्री गंगाराम जाखड़ एवं श्रीमती केली देवी के परिवार में हुआ था। 28 अप्रैल 1994 को भारतीय सेना की जाट रेजीमेंट में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। साढ़े चार साल बाद उनकी तैनाती जम्मू कश्मीर में हो गई थी।

ऑपरेशन विजय में 04 जुलाई 1999 को सिपाही कालूराम पॉइंट 4875 क्षेत्र की लगभग 17850 फीट की ऊंचाई पर अपनी टुकड़ी के साथ पिंपल कॉम्प्लेक्स में आगे बढ़ रहे थे। पाकिस्तानियों ने उनकी टुकड़ी पर भारी गोलाबारी की। तभी एक बम का खोल सिपाही कालूराम के पैर पर आकर लगा और उनका पैर शरीर से अलग हो गया। इसके उपरांत भी अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए सिपाही कालूराम लड़ते रहे व अपने रॉकेट लांचर से शत्रु का एक बंकर ध्वस्त कर शत्रुओं को मार गिराया था। सिपाही कालूराम अंतिम सांस तक लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। 07 जुलाई को उनका पार्थिव शरीर गांव में पहुंचा जहां पूर्ण सैन्य सम्मान से उनका अंतिम संस्कार हुआ था।

वीरगति से पहले उन्होंने अपनी मां को लिखे पत्र में लिखा था "माँ मेरी चिंता मत करना, तेरे बेटे का शिलालेख गांव में लगेगा। तेरे बेटे को एक दिन पूरी दुनिया जानेगी कि वह कैसे दुश्मनों से लड़ा।"

वीरांगना संतोष देवी

इनकी वीरांगना संतोष देवी ने बालिका शिक्षा को अपने जीवन का मिशन बना लिया है। उन्होंने सरकार से मिले पैकेज की राशि से अपने पीहर और ससुराल स्थित सरकारी विद्यालयों में कक्षा-कक्ष बनवाए हैं। वे 15 अगस्त व 26 जनवरी को इन विद्यालयों की होनहार बालिकाओं को सम्मानित करती हैं।

गांव में इनके सम्मान में स्मारक बना हुआ है, खेड़ी चारणान से जोधपुर जाने वाली मुख्य सड़क पर द्वार बना हुआ है और गांव के सरकारी स्कूल का नाम शहीद कालूराम जाखड़ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, खेड़ी चारणान किया गया है।

सिपाही कालूराम जाखड़ के बलिदान को देश युगों युगों तक याद रखेगा।

शहीद को सम्मान

गांव में इनके सम्मान में स्मारक बना हुआ है, खेड़ी चारणान से जोधपुर जाने वाली मुख्य सड़क पर द्वार बना हुआ है और गांव के सरकारी स्कूल का नाम शहीद कालूराम जाखड़ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, खेड़ी चारणान किया गया है।

यह भी देखें

आभार

चित्र रमेश दधीच द्वारा ईमेल से उपलब्ध कराये गए.

लेखक

बलवीर घिंटाला तेजाभक्त

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References


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