Sarli
Sarli (सरली) is Village in Barmer tahsil of Barmer district in Rajasthan.
Location
It is about 15 km in south-east of Barmer town.
Jat Gotras
History
सरली गाँव का इतिहास मारवाड़ के जाटों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. चौधरी रामदानजी के जीवन से इसका सम्बन्ध है. उनका जन्म इसी गाँव में हुआ था.
वर्तमान बाड़मेर जिले के पश्चिमी भाग को मालानी परगना के नाम से जाना जाता है. यह आजादी पूर्व जोधपुर रियासत का सीमान्त परगना था. इस क्षेत्र के पश्चिम में पाकिस्तान के सिंध प्रान्त की सीमा लगती थी. आजादी पूर्व मालानी का फैलाव जसोल से सिंध तक १०० मील लम्बा और ७५ मील चौड़ा था. इस परगना में ५०३ गाँव थे. [1]
सन १८३६ में जाटों का एक काफिला मालानी क्षेत्र में आकर रुका. इनमें एक परिवार तेजाजी डऊकिया का भी था. ये सन १८३० में बाड़मेर से ३० की.मी. दक्षिण-पूर्व में स्थित सरली गाँव में बस गए. तेजाजी के पूर्वज नागौर के 'पिरोजपुरा' गाँव के मूल निवासी थे. परन्तु कालांतर में झंवर और आगोलाई में बस गए थे और आगोलाई से ही प्रस्थान कर तेजाजी ने 'सरली' को अपनी कर्म स्थली बनाया. [2]
चौधरी रामदानजी का जन्म चैत बदी ३ संवत १९४० तदनुसार १५ मार्च १८८४ को सरली नामक गाँव में चौधरी तेजारामजी के यहाँ हुआ था. [3] [4]आपका गोत्र डऊकिया तथा नख तंवर था. आपकी माताजी का नाम श्रीमती दौली देवी था. आप भाई बहीनों में सबसे छोटे थे. जब आप सात वर्ष के थे तब आपका परिवार १८९१ में सरली से खड़ीन आ गया.
Notable persons
- Khema Ram Arya - Social worker from village Sarli-Gangasra, Barmer, Rajasthan. He donated Rs 11000 for construction work at Jat Dharmshala Haridwar.
External links
References
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