Sherdiya

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Sherdiya (शेरडिया), Serdia (सेरड़िया), Serdiya (सेरड़िया) Seradiya (सेरड़िया) Gotra Jats live Rajasthan and Madhya Pradesh. Their original village is Charla (चरला) in Sujangarh tahsil of Churu district in Rajasthan.

History

Chera dynasty was one of the principal lineages in the early history of the present day states of Kerala and Tamil Nadu in southern India.[1] There is a need to research linkages of Chera/Sera with with Seradiya clan.

चरला के सेरड़िया

राजस्थान के चूरु जिले की सुजानगढ़ तहसील के गाँव चरला में प्रचलित परंपरा के अनुसार संवत 1622 (1565 ई.) चैत बदी तीज की घटना है। कानाराम सेरड़िया के पुत्र रूपाराम पुत्र, उनके पुत्र सुरजाराम, उनके पौत्र के साथ उसकी दादी और माँ के सती होने की घटना है। सती दादी अन्नीदेवी सरणों की बेटी थी। सती दादी अन्नीदेवी की बहू आसीदेवी गाय का दूध निकाल रही थी। गाय के बछड़े को बेटे ने पकड़ रखा था। बेटे से बछड़ा छुट गया तो गुस्से में माँ ने बेटे को गाय के पैरों में बंधे नेणा से मारा तो बच्चा खत्म हो गया। दादी और माँ को इस पर इतना दुख हुआ कि वे दोनों सती हो गईं।

आज चरला गाँव में दादी अन्नीदेवी और बहू आसीदेवी के भव्य मंदिर बने हैं। दादी अन्नीदेवी के मंदिर में भव्य मूर्ति स्थापित है जिसमें सती दादी अन्नीदेवी पौते को अपने गोद में लिए है तथा पास में बहू आसीदेवी क्षमा मांगने की मुद्रा में है। इसके थोड़ी दूर पर बहू आसीदेवी का मंदिर है। प्रति वर्ष चैत माह की तीज को यहाँ जागरण लगता है और सती दादी और आसी देवी को धोक लगती है।

आज सेरड़िया जाट कहीं भी बसे हों वे सब चरला गाँव से ही गए हैं। जहां भी सेरड़िया जाट गए वहाँ सती दादी का मंदिर जरूर बनाया है।

चरला के अलावा सेरड़िया कानूता गाँव, त: सुजानगढ़, चुरू में तथा बुड़किया, त: भोपालगढ़, जोधपुर में बसे हैं।

चूरु जिले की सुजानगढ़ तहसील के गाँव चरला को परमानन्द जी सेरड़िया ने बसाया था।

चरला के सेरड़िया गोत्र की वंशावली
परमानन्द जी सेरड़िया

परमानन्द जी के पुत्र हुये - जयाराम

जयाराम के तीन पुत्र हुये - 1 रामूराम 2 बरनाराम 3 महेचन्द

महेचन्द के तीन पुत्र हुये - 1 कानाराम 2 दुर्गाराम 3 भारमल

कानाराम के एक पुत्र था - तुलसीराम

तुलसीराम के तीन पुत्र हुये - 1 चेलाराम 2 गेनाराम 3 नगाराम

नगाराम चरला से कांदावाली पालड़ी, त: डेगाना, नागौर गए। नगाराम के 4 पुत्र थे - 1 दुर्गाराम 2 पोकर राम 3 तेजाराम 4 जयाराम

तेजाराम और जयाराम सन 1790 में कांदावाली पालड़ी से छायन गाँव बदनवार धार, मध्य प्रदेश चले गए। वहाँ से सन 1799 में गाँव सेमलियाजलोदिया गए। वहाँ पर चोरों से सामना करते हुये तेजाराम वीरगति को प्राप्त हुये। जयाराम गाँव छायन आए।

जयाराम के दो पुत्र हुये - 1 किसनाराम 2 फताराम । किसनाराम की शादी गाँव पिपलोदा (?) में हुई।

किसनाराम के दो पुत्र हुये - 1 अम्बा राम 2 भोलाराम

भोलाराम के तीन पुत्र हुये - 1 हंसराज 2 लक्ष्मीनारायण 3 गिरधारीलाल

हंसराज के चार पुत्र हुये - 1 भँवरलाल 2 सुभाष चंद्र 3 शिवप्रकाश 4 शांतिलाल। एक बहन हुई जो उज्जैन के बद्री लाल जी बड़ियार को बयाई गई है।

भँवरलाल के चार पुत्र हुये - 1 सुरेश चंद्र 2 राजेश 3 विक्रम कुमार 4 विनोद। भँवर लाल की शादी सान 1966 में खेरवास में धोलिया परिवार में भागीरथ पटेल के यहाँ हुई।

सुरेश चंद्र के दो पुत्र हुये - 1 अभिषेक 2 अभिमन्यु

राजेश के पुत्र हुये - अभिजीत।

विक्रम के पुत्र - कुणाल और पुत्री कनक।

विनोद के पुत्र - ऋषिराज

संदर्भ : जाट परिवेश, नवंबर 2015, (पृ.12,15), लेखक: भँवरलाल सेरड़िया, महालक्ष्मी क्लोथ स्टोर,बदनावर, जिला धार मोब: 9752785111

Distribution in Rajasthan

Villages in Churu district

Charla, Kanoota, Sujangarh (5),

Villages in Jodhpur district

Budkiya,

Villages in Bikaner district

Dungargarh, Dusarana bara

Villages in Nagaur district

Charda, Dodiyana Nagaur, Kanuta, Palri Kalan,

Distribution in Madhya Pradesh

Villages in Ujjain district

Karanj,

Villages in Dhar district

Badnawar, Chhayan, Semaliya,

Villages in Shajapur district

Piplya Indore,

Notable persons

External links

References

  1. Gurukkal, Rajan (2015). "Classical Indo-Roman Trade: A Misnomer in Political Economy". Economic and Political Weekly. pp.26–27.
  2. Jat Vaibhav Smarika Khategaon, 2010, p. 53

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