Shakravatara
Author:Laxman Burdak, IFS (R), Jaipur |
Shakravatara (शक्रावतार) was an ancient city of the Mahabharata period. It has been identified with Shukkartal (शुक्करताल) village in Muzaffarnagar. [1]
Origin
Variants
- Shakravatara (शक्रावतार) (AS, p.887)
- Shakravarta (शक्रावर्त) (AS, p.887)
- Sakravarta (शक्रावर्त)
History
शक्रावतार
शक्रावतार (AS, p.887) - विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है कि.... अभिज्ञानशाकुंतल, अंक 5 के उल्लेख अनुसार हस्तिनापुर जाते समय शक्रावतार के अंतर्गत सचीतीर्थ में गंगा के स्रोत में शकुंतला की अंगूठी गिरकर खो गई थी-- नूनं ते शक्रावताराभ्यंतरे सचीतीर्थसलिले वंदमानाया: प्रभ्रष्टमं अंगुलीयकम्. यह अंगूठी शक्रावतार के धीवर को एक मछली के उदर से प्राप्त हुई थी--शृणुत इदानीम् अहं शक्रावतारवासी धीवर: अंक-6. सचीतीर्थ में गंगा की विद्यमानता का उल्लेख इस प्रकार है-- सचीतीर्थंवंदमानाया: सख्यास्ते हस्ताद्गंगास्तोत्रसि परिभ्रष्टमं- अंक-6. हमारे मत में शक्रावतार का अभिज्ञान जिला मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) में गंगा तट पर स्थित शुक्करताल नामक स्थान से किया जा सकता है. शुक्करताल, शक्रावतार का ही अपभ्रंश जान पड़ता है. यह स्थान मालन नदी के निकट स्थित मंडावर (जिला बिजनौर) के सामने गंगा की दूसरी ओर स्थित है. मंडावर में कण्व आश्रम की स्थिति परंपरा से मानी जाती है. मंडावर से हस्तिनापुर (जिला मेरठ) जाते समय शुक्करताल गंगा पार करने के पश्चात दूसरे तट पर मिलता है और इस प्रकार कालिदास द्वारा वर्णित भौगोलिक परिस्थिति में यह अभिज्ञान ठीक बैठता है. शुक्करताल का संबंध शुकदेव से बताया जाता है और यह स्थान अवश्य ही बहुत प्राचीन है. बहुत संभव है कि शक्रावतार का शक्र ही शुक्कर बन गया है और इस शब्द का सुखदेव से कोई संबंध नहीं है (दे. मॉडर्न रिव्यू नवंबर 1951, में ग्रंथकर्ता का लेख 'टोपोग्राफी ऑफ अभिज्ञान शाकुंतल'). महाभारत 84,29 (III.82.25) में उल्लिखित शक्रावर्त भी यही स्थान जन पड़ता है.
शक्रावर्त
शक्रावर्त (AS, p.887) - महाभारत वनपर्व 84,29 (III.82.25) में शक्रावर्त नामक तीर्थ का उल्लेख गंगाद्वार या हरिद्वार के पश्चात है--सप्त गङ्गे त्रिगङ्गे च शक्रावर्ते च तर्पयन्, देवान पितॄंश च विधिवत् पुण्यलॊके महीयते (III.82.25). संभवत: है शक्रावर्त कालिदास द्वारा अभिज्ञान शाकुंतल में वर्णित शक्रावतार ही है. वर्तमान शक्रावतार या शुक्करताल (जिला मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश) हरिद्वार से दक्षिण में, गंगा तट पर स्थित है. [3]
In Mahabharata
Vana Parva, Mahabharata/Book III Chapter 82 mentions names Pilgrims. Shakravarta (शक्रावर्त) is mentioned in Mahabharata verse (III.82.25). [4]...By offering oblations of water duly to the gods and the Pitris, at Saptaganga, Triganga and Sakravarta (शक्रावर्त) (which are all there), becometh adored in the regions of the virtuous.
See also
References
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.887
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.887
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.887
- ↑ सप्त गङ्गे त्रिगङ्गे च शक्रावर्ते च तर्पयन्, देवान पितॄंश च विधिवत् पुण्यलॊके महीयते (III.82.25)