Shekhawati Ke Gandhi Amar Shahid Karni Ram/Garibon Ka Masiha
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पुस्तक: शेखावाटी के गांधी अमरशहीद करणीराम
लेखक: रामेश्वरसिंह, प्रथम संस्करण: 2 अक्टूबर, 1984श्री करणीराम जी से मेरा निजी संपर्क अधिक हुआ था नहीं हुआ था लेकिन सन 1952 तक उन्होंने किसानों के उत्पीड़न को दूर करने के लिए जागीरदारों से जो संघर्ष किया उसकी ताजी स्मृति अंकित है। श्री करणीराम जी का अद्भुत व्यक्तित्व था, वे बड़े सीधे-साधे सच्चे एवं कर्मठ व्यक्ति थे। वास्तव में 1952 तक वे झुंझुनू जिले में किसान संगठन के प्रतीक बन गए थे तथा जिले के सभी क्षेत्रों में उनका व्यक्तित्व व्याप्त हो गया था।
खेतड़ी तहसील के पचेरी गांव के काश्तकारों और जागीरदारों ने काफी अत्याचार किए सैकड़ों बेदखली के मुकदमे किसानों के खिलाफ दायर कर दिए थे। सरकार ने पचेरी में कैंप कोर्ट कायम किया था वहां श्री करणीराम जी ने किसानों के पक्ष की पैरवी की जिसकी याद आज भी बुजुर्ग काश्तकारों के दिल में समाई हुई है। आज भी उनका देव तुल्य व्यक्तित्व उस क्षेत्र में श्रद्धापूर्वक स्मरण किया जाता है।
उदयपुरवाटी में काश्तकारों सामंती व्यवस्था के सबसे विकट रूप में शिकार थे। श्री करणीराम जी ने उनके हितों के लिए संघर्ष किया, उसी संघर्ष में ही श्री करणी राम जी ने काश्तकारों के भले के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया। उनके महान बलिदान को आज भी स्मरण कर हम सब रोमांचित हो जाते हैं। झुंझुनू जिले को ही नहीं बल्कि उनकी प्रेरणा राजस्थान में स्वस्थ एवं नैतिक राजनीति की नींव डालने के लिए पूर्णत: सक्षम है।
ऐसे बलिदानी वीर की स्मृति को पुन: लोगों के मन में जागृत करने का शुभ प्रयत्न ने वास्तव में प्रशंसनीय है।