Shivbaksh Kharra
Shivbaksh Kharra (Shyobaksh) from village Bharni, Rajasthan) was Martyr of Shekhawati farmers movement killed in fighting with Jagirdars.
भारनी गाँव में दो किसान शहीद सन 1942
भारनी गाँव में सन 1942 में जागीरदारों से लड़ते हुए दो किसान शहीद हो गए. इनके नाम थे - श्योबक्स सिंह खर्रा और नाथू राम निठारवाल. श्योबक्स के पुत्र भागीरथ सिंह ने बताया कि भारनी गाँव के चौधरी नवल राम खर्रा के पुत्र श्योबक्स खर्रा बचपन से साहसी और हष्ट-पुष्ट थे. उनके डील-डौल को देखकर ही किशोर श्योबक्स को फ़ौज में भारती कर लिया गया. घरवालों को पता लगा तो बड़ी मुश्किल से फ़ौज से डिस्चार्ज कराया गया.श्योबक्स ने 1934 के सीकर प्रजापति महायज्ञ में सक्रियता से भाग लिया था.
चौधरी नवल राम खर्रा के यहाँ महरौली के भौमियों की जमीन गिरवी रखी हुई थी. भौमियों और नवल राम के बीच जमीन को लेकर विवाद हो गया. नवल राम के खेत से भौमियों ने रात को बाजरे की सिट्टे तोड़ लिए और सुबह अपने घर ले जाने लगे. तब श्योबक्स को सूचना मिली. वह लाठी लेकर एक अन्य किसान नाथू राम के साथ भौमियों के दल से भीड़ गए, भौमिये काफी संख्या में थे. दोनों शहीद हो गए. तब तक भारनी के अन्य किसान पहुँच गए और ठाकुरों को मार भगाया. बाद में मुकदमा चला और 17 ठाकुरों को उम्र कैद हुई. इस हत्याकांड के बाद किसानों ने महरौली के ठाकुरों को लगान देना बंद कर दिया था. अपने कब्जे की जमीन को उन्होंने कभी नहीं छोड़ा. दोनों शहीदों के स्मारक बने हुए हैं. [1]
References
- ↑ राजेन्द्र कसवा: मेरा गाँव मेरा देश (वाया शेखावाटी), जयपुर, 2012, ISBN 978-81-89681-21-0, P. 221
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