Sukhjit Singh Ahluwalia
Sukhjit Singh Ahluwalia (born:15.10.1934) was awarded Mahavir Chakra for his act of bravery during Indo-Pak War-1971 in Shakkargarh sector. He was born at Bangalore on 15.10.1934.
Unit - 14 Scinde Horse
लेफ्टिनेंट कर्नल सुखजीत सिंह अहलूवालिया
लेफ्टिनेंट कर्नल सुखजीत सिंह अहलूवालिया
यूनिट - 14 हॉर्स (सिंध हॉर्स)
शंकरगढ़ का युद्ध
ऑपरेशन कैक्टस लिली
भारत-पाक युद्ध 1971
लेफ्टिनेंट कर्नल सुखजीत सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत में 15 अक्टूबर 1934 को मैसूर राज्य के बंगलौर में हुआ था। वह कपूरथला राज परिवार के परमजीत सिंह एवं श्रीमती लीलावती देवी कांगड़ा की द्वितीय संतान थे। उनकी शिक्षा देहरादून के दून स्कूल में हुई और फिर उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी में सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
वर्ष 1971 में वह लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर कार्यरत थे और पश्चिमी युद्ध क्षेत्र में शंकरगढ़ सेक्टर में सिंध हॉर्स रेजिमेंट की कमान संभाल रहे थे। 8 दिसंबर की रात्रि को, सिंध हॉर्स रेजिमेंट ने अंतरराष्ट्रीय सीमा लांघ कर पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश किया और रेजिमेंट नैनन कोट के निकट स्थापित हो गई।
10 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने कवचित पलटवार आरंभ किया, तो उन्होंने वीरता से अपनी रेजिमेंट की कमान संभाली थी। तीव्र गोला वृष्टि और मोर्टार फायर में, लेफ्टिनेंट कर्नल सुखजीत सिंह ने स्वयं अगुवाई करते हुए अपने टैंकों के फायर को प्रभावी ढंग से निर्देशित किया, सिंध हॉर्स को मात्र एक टैंक की क्षति हुई और शत्रु पीछे हट गया।
11 दिसंबर 1971 को लेफ्टिनेंट कर्नल सुखजीत सिंह ने मलकपुर में शत्रु के टैंकों पर अधिकार करने के लिए एक ऑपरेशन का नेतृत्व किया और शत्रु के टैंकों को घेर लिया। शत्रु टैंकों की तीव्र गोला वृष्टि होते हुए भी, उन्होंने शत्रु के 8 टैंकों को नष्ट कर दिया और एक अधिकारी, दो जूनियर कमीशंड अधिकारियों और दो अन्य रैंकों को युद्धबंदी बना लिया था।
लेफ्टिनेंट कर्नल सिंह का नेतृत्व, साहस, वीरता और दृढ़ निश्चय भारतीय सेना की सर्वोत्तम परंपराओं में थे। उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। वह ब्रिगेडियर के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। 1955 से वह कपूरथला राजवंश के प्रमुख हैं।
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