Tarawadi

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Author of this article is Dayanand Deswal दयानन्द देसवाल


Fort of Tarawadi

Tarawadi is a village in Nilokheri tahsil of Karnal district in Haryana.

Variants

Location

It is situated near National Highway No. 1, between Karnal and Kurukshetra. There is also a railway station in this village though long distance trains do not stop here. It is famous for finest produce of Basmati rice.

Jat gotras

History

Tarawadi is a historical village, which has witnessed many battles from invading armies from West Asia, including the ones between Prithviraj Chouhan and Muhammad Ghori in 1191 and 1192. Since the village is just 20 kilometres from Thanesar, it is believed to be one of the battlegrounds during Mahabharata war.

Western historians often use the spellings Tarain and Tarai and similarly sounding words for this village. The correct name of the place is TARAWADI or TARAORI. (तरावड़ी)

There is an ancient fort on the outskirts of the village, which now lies in neglected condition.

तरावड़ी

विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...तरावड़ी: यह स्थान थानेसर से 14 मील दक्षिण में स्थित है. 1009-10 ई. में कुछ दिनों तक यहां महमूद गजनी का अधिकार रहा. तत्पश्चात यहां मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच 1191 ई. में पहला युद्ध हुआ. 1192 ई. में गौरी ने द्वारा भारत पर आक्रमण किया और फिर इसी स्थान पर ग़ौर युद्ध हुआ जिसमें गोरी की कूटनीति और छद्म के कारण पृथ्वीराज मारे गए. इस विजय के पश्चात मुसलमानों का कदम उत्तरी भारत में जम गया. 1216 ई. (15 फरवरी) को फिर एक बार तराइन के मैदान में इल्तुतमिश तथा उसके प्रतिद्वंदी सरदार इल्दोज में निर्णायक युद्ध हुआ जिसमें इल्तुतमिश की विजय हुई और उसका दिल्ली की गद्दी पर अधिकार मजबूत हो गया. तरावड़ी या तराइन को आजमाबाद भी कहते हैं.

Notable persons

External Links

References


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