Thakur Bhawani Singh
Thakur Bhawani Singh (Dusad) (1876- 01.01.1962) (ठाकुर भवानी सिंह) was a freedom fighter and social worker from village Jat Jalandhar in Sagar of Madhya Pradesh. His son Raghu Thakur (Dusad) is a Leader and Social worker. He is a leader of Loktantrik Samajwadi Party and is its National President.
ठाकुर भवानी सिंह का जीवन परिचय
स्व.ठाकुर भवानी सिंह जी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। आपका जन्म सन् 1876 में हुआ । अपने क्षेत्र में इनको बड्डे भैया के नाम से जाना पहचाना जाता था । इनका विवाह श्रीमती तुलसी देवी जी के साथ सम्पन्न हुआ था। इनके बारे में कहा जाता है कि ये जब घोड़ी पर सवार होकर अपने नौकर चाकर के साथ निकलते थे तो मार्ग में लोग इनसे आर्थिक मदद की मांग करते थे। चूंकि ये दयालू और दानशील स्वभाव के इंसान थे, इसलिए इनके पास उस समय रुपए पैसे या अन्य जो कुछ भी सामान होता था, सब दान कर दिया करते थे। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो ये दानी थे और कमजोर लोगों के शुभ चिंतक थे ।
ठाकुर भवानी सिंह जी के पुत्र स्व श्री हरनाम सिंह जी, स्व श्री विश्वनाथ सिंह, स्व.श्री रामचंद्र सिंह जी , श्री रघु ठाकुर, श्री कृष्णवीर सिंह जी हुए ।
स्व.श्री हरनाम सिंह जी कृषि विभाग में संयुक्त संचालक के पद पर रहते हुए सेवानिवृत्त हुए ।
स्व.श्री विश्वनाथ सिंह ठाकुर वन विभाग से एक.सी.एस. के पद से सेवा निवृत हुए ।
श्री रघु ठाकुर लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे , अब राष्ट्रीय संरक्षक हैं ।
ठाकुर भवानी सिंह जी के नाम से जालंधर में ठाकुर भवानी सिंह शासकीय आयुर्वेद औषधालय है जो इनके द्वारा दान में दिए गए मकान में ही संचालित है और इस भवन का जीर्णोद्धार श्री रघु ठाकुर की पहल से हुआ तथा नव निर्मित भवन का लोकार्पण तत्तकालीन राज्यपाल स्व श्री बलराम जी जाखड़ ने किया था । ठाकुर भवानी सिंह जी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे जिन्होंने जंगल सत्याग्रह में भाग लिया था और जेल काटी थी । वे महात्मागांधी से प्रभावित थे और जिंदगी भर खादी पहनते थे ।
वे सागर डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के ब्रिटिश काल में निर्वाचित उपसभापति रहे । उनके ,श्रीमती तुलसी देवी ,स्व. विश्वनाथ सिंह जी के नाम से उनकी स्मृति में जिला चिकित्सालय में परिजनों ने चार कक्ष बनवाए हैं जिनका लोकार्पण पूर्व उपराष्ट्रपति स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री सीता शरण शर्मा जी के द्वारा किया गया था ।
स्वर्गीय श्री रामचंद्र सिंह के नाम से ग्राम जालंधर में शासकीय माध्यमिक विद्यालय है । तथा डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर में राजनीति विज्ञान में स्वर्ण पदक की शुरुआत की गई है ।
स्वर्गीय ठाकुर भवानी सिंह जी ने जीवन भर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की कोई सुविधा , पेंशन , जमीन इत्यादि नहीं ली । वे कहते थे कि हमने अपने देश की आजादी के लिए जेल काटी थी ना कि बदले में सुविधाएं लेने के लिए । वे समाज सुधार के लिए सक्रिय रहे । उन्होंने दहेज प्रथा का ना केवल विरोध किया बल्कि उस पर अमल भी किया और अपने बेटों की शादियों में मात्र ₹1 की भेंट प्रतीक रूप में ली । श्रीमती तुलसी देवी के नाम से सागर में तुलसी स्मृति हाल का निर्माण कराया गया है, जहां सार्वजनिक कार्यक्रम संपन्न होते हैं ।
ठाकुर भवानी सिंह जी का देवलोक गमन 1 जनवरी 1962 को हुआ ।
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Thakur Bhawani Singh Aushadhalay, Jat Jalandhar, Sagar, MP.
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References
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