Tihawali
Tihawali (तिहावली) is a large village in Fatehpur tahsil in Sikar district of Rajasthan.
Location
Pin Code 332307, Std. Code 01571. Located 16 km away from Fatehpur Shekhawati and 6 km from Mandawa Nearby villages Sadinsar, Khalashi, Tihay, Bhakakrwashi, Nangali, etc .
Origin
History
First time Chahar family came from Pallu Hanumangarh.
Jat Gotras
Population
As per Census-2011 statistics, Tihawali village has the total population of 3946 (of which 2040 are males while 1906 are females).[1]
Notable Persons
- Indraj Singh Nehra -Sarpanch
- Ram Singh Chahar: was a very famous layer in Jaipur high court. He also elected MLA. He made tihawali hospital, animal hospital, hanuman mandir.
Ratan Lal: Head constable Ratan Lal (42), who died during a clash over Citizenship (Amendment) Act (CAA) in Delhi on Monday.[2] रतन लाल तिहावली....दिल्ली में सीएए को लेकर चल रहे प्रदर्शन में सोमवार को हिंसा और पथराव में जान गंवाने वाले दिल्ली पुलिस के हैड कांस्टेबल रतनलाल को बुधवार को अंतिम विदाई दी गई। इससे पहले मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर श्रद्धांजलि दी। इधर, हैड कांस्टेबल रतनलाल की 70 वर्षीय मां 2 दिन बाद भी इस बात से अंजान है कि उनका बेटा नहीं रहा। जबकि गांव में सन्नाटा पसरा हुआ तो ग्रामीण बेटे के लिए धरने पर बैठे हैं।
रतनलाल के रिश्तेदार डॉ. हेमबारी ने बताया कि परिजन शव लेकर दिल्ली से रवाना हाे गए हैं। रतनलाल का अंतिम संस्कार बुधवार काे पैतृक गांव तिहावली में किया जाएगा। हैड कांस्टेबल रतनलाल ने 22 फरवरी को परिवार के साथ दिल्ली में विवाह की वर्षगांठ मनाई। दिल्ली में रतनलाल की पत्नी पूनम बार-बार बेसुध हो रही हैं। वे पति के आने के बाद ही खाना खाने की जिद पर अड़ी हुई हैं।
मांगों को लेकर गांवों में धरने पर बैठे ग्रामीण डॉ. हेमबारी ने बताया कि रतनलाल को शहीद का दर्जा देने, पत्नी पूनम को नौकरी, 3 बच्चों को केंद्रीय स्कूल में फ्री शिक्षा, 2 करोड़ रुपए आर्थिक सहायता, शहीद के नाम पर गांव की स्कूल या खेल मैदान का नामकरण करने और आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर तिहावली में ग्रामीण धरने पर बैठे हुए हैं। पिता की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी रतनलाल पर ही थी। परिवार में दो छोटे भाई और एक बहन है।
रतन लाल ने दिल्ली में शादी की सालगिरह मनाई थी
हैड कांस्टेबल रतनलाल ने 22 फरवरी को परिवार के साथ दिल्ली में विवाह की वर्षगांठ मनाई। दिल्ली में रतनलाल की पत्नी पूनम बार-बार बेसुध हो रही हैं। वे पति के आने के बाद ही खाना खाने की जिद पर अड़ी हुई है। छोटे भाई दिनेश ने बताया कि केंद्रीय स्कूल में पढ़ने वाले तीनों बच्चों 12 वर्षीय बेटी रिद्धि, 10 वर्षीय बेटी कनक व 7 साल के बेटे राम को पड़ोसी संभाल रहे हैं। सिर्फ बड़ी बेटी रिद्धि को ही पिता के निधन की जानकारी है। दिनेश ने बताया कि भैया सोमवार का उपवास रखते थे। घटना के दिन भी सोमवार होने से उनका व्रत था। इसलिए वे 11 बजे घर से ड्यूटी के लिए रवाना हो गए। कुछ देर बाद टीवी पर हिंसा की खबरें आने लगी।
ट्रेनिंग के बाद रॉबर्ट वाड्रा की सिक्योरिटी में लगे
1998 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती होने वाले रतनलाल को पहली बार में ही राबर्ट वाड्रा की सिक्योरिटी में लगाया गया। दो साल पहले ही हैड कांस्टेबल के पद पर इनकी पदोन्नति हुई।
लोन लेकर बनाया था दिल्ली में मकान रतनलाल नौकरी लगने के बाद से दिल्ली में रह रहे थे। पांच साल पहले उन्होंने अमृत विहार बुराड़ी-दिल्ली में लोन लेकर मकान बनाया था। अभी मकान के प्लास्टर का काम भी बाकी था। रतनलाल को शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर धरना देते लोग।
गृहमंत्री ने भेजा शोक संदेश-आपके बहादुर पति समर्पित पुलिसकर्मी थे
गृह मंत्री अमित शाह ने हैड कांस्टेबल रतनलाल की पत्नी को शोक संदेश भेजा और कहा कि पूरा देश इस दुख की घड़ी में बहादुर पुलिसकर्मी के परिवार के साथ है। उन्होंने कर्तव्य निभाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। आपके बहादुर पति समर्पित पुलिसकर्मी थे, जिन्होंने कठिन चुनौतियों का सामना किया। सच्चे सिपाही की तरह उन्होंने इस देश की सेवा के लिए सर्वोच्च कुर्बानी दी। मैं ईश्वर से आपको इस दुख और असमय क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं।
संदर्भ: दैनिक भास्कर, जयपुर, 26.2.2020
External Links
References
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